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पहले धीमी फिर तेज दौड़कर बेपटरी हो गई न्यू फरक्का एक्सप्रेस

रायबरेली : न्यू फरक्का एक्सप्रेस, बिहार से दिल्ली तक की करीब हजार सवारियां लेकर दौड़ रह

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 12:14 AM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 12:14 AM (IST)
पहले धीमी फिर तेज दौड़कर बेपटरी हो गई न्यू फरक्का एक्सप्रेस

रायबरेली : न्यू फरक्का एक्सप्रेस, बिहार से दिल्ली तक की करीब हजार सवारियां लेकर दौड़ रही थी। सुबह 5.40 बजे रायबरेली स्टेशन से रवाना हुई। महज 12 किमी के बाद गंगागंज स्टेशन से भी वह शाम से निकल गई। आगे गाड़ी को कुछ दूर कॉशन पर चलना था। वहां धीमी हुई, फिर उसे हरचंदपुर स्टेशन की ओर से थ्रू लाइन सीधा सिग्नल दिखा। ट्रेन अपने रौ में आई और स्पीड बढ़ी। मगर कुछ ही पल में फरक्का धड़ाम हो गई। इंजन एक ओर लटक गया। उसके पीछे की बोगी पलटकर तीन पटरियों पर जाकर लेट गई। फिर पीछे के सात डिब्बे भी एक-दूसरे से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गए। धूल का गुबार और चीख-पुकार हरचंदपुर में गूंजने लगा और लोग मदद को दौड़ पड़े।

बताते हैं कि गंगागंज स्टेशन के बाद ट्रेन को कॉशन पर गुजारा गया। इसके बाद ट्रेन हरचंदपुर रेलवे स्टेशन के आउटर पर पहुंची। वहां से भी उसे मेन यानी थ्रू लाइन पर जाने का सिग्नल मिल गया। हालांकि, यहां पहले रफ्तार कुछ कम थी। लेकिन, थ्रू लाइन पर का संकेत मिलते ही ट्रेन की रफ्तार बढ़ गई। होम सिग्नल के पास पहुंची तो उसे लूप लाइन पर जाने के संकेत मिले। यानी ट्रेन को 30 किलोमीटर से कम की रफ्तार पर गुजरना था। लेकिन कम समय में यह संभव नहीं हो सका। आपाधापी में ट्रेन के इंजन ने पहले ही पटरियां छोड़ दी थी। रफ्तार अधिक थी। ऐसे में पीछे की बोगियां भी पटरियां उखाड़ती हुई चली आईं। इनमें से एक एसएलआर कोच तो पलट गया। जबकि दो जनरल और छह स्लीपर की बोगी भी पटरी से उतर गई। यदि पहले से ही ट्रेन को लूप लाइन पर ले जाया जाता तो ट्रेन की रफ्तार कम होती। अगर, इसके बाद भी ट्रेन बेपटरी होती तो कम से कम जनहानि से बचा जा सकता था।


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