लालगंज कारखाने में बना देश का सबसे स्मार्ट रेल कोच
संसू, लालगंज (रायबरेली) : मेक इन इंडिया के तहत आधुनिक रेलकोच कारखाना, लालगंज में स्मार्ट क
संसू, लालगंज (रायबरेली) : मेक इन इंडिया के तहत आधुनिक रेलकोच कारखाना, लालगंज में स्मार्ट कोच का निर्माण किया गया है। यह कोच आधुनिक तकनीक से लैस है। इसे देश का सबसे उन्नत तकनीक वाला कोच माना जा रहा है। गुरुवार को ट्रायल के रूप में इस कोच को कैफियत एक्सप्रेस में लगाया गया। इसका ट्रायल सफल रहा और रेलवे बोर्ड की हरी झंडी मिली तो पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यहां इस तरह के सौ कोच और बनाए जाएंगे।
स्मार्ट कोच में यात्रियों की सुरक्षा के लिए उच्च क्षमता वाले आधुनिक नाइट विजन सीसीटीवी कैमरों समेत अन्य आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। एमसीएफ लालगंज में स्मार्ट कोच नंबर 18155 एलएसीसीएन बनाया है। एलएचबी (¨लक हासमैन बुश) तकनीक पर निर्मित इस कोच के एक्सल बॉक्स पर कंपन आधारित सेंसरयुक्त आधुनिक तकनीक के पहिये लगाए गए हैं, जोकि ट्रैक की खामियों का पता लगा सकेंगे। इससे रेलवे को आवश्यकता के आधार पर रखरखाव में मदद मिलेगी। साथ ही लाइन विफलताओं को भी दूर भी किया जा सकेगा। कोच में वाईफाई और हॉट स्पॉट सूचना प्रणाली भी लगाई गई है। कोच में यात्री स्वयं डिवाइस से जुड़ सकते हैं और अपने मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप को कनेक्ट कर इंटरनेट का लाभ उठा सकते हैं। आपातकालीन टॉक बैक सिस्टम भी
रेल यात्रियों विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को ट्रेन के गार्ड के बीच परस्पर संपर्क स्थापित करने के लिए आपातकालीन टॉक बैक सिस्टम भी लगाया गया है। ताकि समय से आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके। सीसीटीवी कैमरे रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए तो हैं ही, साथ में रेलवे कर्मचारियों के व्यवहार और गतिविधियों की निगरानी भी ये कैमरे करेंगे। सीसीटीवी की फुटेज से यात्रा के दौरान किसी भी अप्रिय घटना की जांच और अपराधियों की पहचान करने में रिमोट कंट्रोल सेंटर से सीधे हस्तक्षेप करते हुए मदद की जाएगी। पीआइसीसीयू (यात्री सूचना और कोच कंप्यू¨टग यूनिट) को मुख्य रूप से कोच के रखरखाव और यात्री सुविधाओं के लिए चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों कोच डायग्नोस्टिक प्रणाली, सुरक्षा और निगरानी प्रणाली, वातानुकूलित डिस्क ब्रेक सिस्टम, फायर डिटेक्शन और अलार्म सिस्टम लिए लगाया गया है। जीपीएस कंट्रो¨लग पर आधारित कोच
कोच में जीपीएस आधारित यात्री उद्घोषणा और सूचना प्रणाली लगाई गई है। डिजिटल गंतव्य बोर्ड पर यात्रियों को ट्रेन के अगले स्टेशन व पहुंचने के अपेक्षित समय की जानकारी मिलेगी। यह प्रणाली रेल की गति भी दिखा सकती है। जीपीएस जलस्तर सूचक पानी के रिफ¨लग की आवश्यकता के विषय में एसएमएस के माध्यम से रखरखाव कर्मचारियों को अग्रिम जानकारी दे सकता है। सभी प्रणालियों और उपकरणों की अतिरिक्त लागत लगभग 12 से 14 लाख रुपये है। इस कोच के अनुभवों का लाभ उठाने के लिए सौ और स्मार्ट कोच तैयार करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की जा रही है। अत्याधुनिक कोच बनाकर ट्रायल के लिए भेजा गया है। रेलवे बोर्ड से अनुमति मिलते ही सौ कोच और बनाए जाएंगे।
-आरपी शर्मा, सचिव महाप्रबंधक, रेलकोच कारखाना, लालगंज