Lok Sabha Election Results: रायबरेली में आज आर या पार, किसे मिलेगी हार; किसे जीत का 'हार'
ईवीएम में कैद प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला सार्वजनिक करने के लिए कर्मचारियों को सोमवार को अंतिम दौर का प्रशिक्षण दिया गया। लोकसभा चुनाव में इस बार 10 लाख 36 हजार से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकारी का प्रयोग किया। चुनाव के लिए जिला प्रशासन ने 2236 मतदान केंद्र बनाए गए थे। शांति पूर्वक मतदान संपन्न होने के बाद प्रशासन के सामने निष्पक्ष मतगणना कराने की चुनौती है।
जागरण संवाददाता, रायबरेली। लोकसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद मंगलवार को यह तय होगा कि किसके सिर पर जीत का सेहरा सजेगा और किसे कांटों का हार मिलेगा। जीत हार को लेकर सियासी गलियारे में ही नहीं, बल्कि आमजन में भी अटकलों का बाजार गर्म है। हालांकि इन सियासी सरगर्मियों पर विराम लगने की घड़ी अब आ गई है। ईवीएम में कैद प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला सार्वजनिक करने के लिए कर्मचारियों को सोमवार को अंतिम दौर का प्रशिक्षण दिया गया।
लोकसभा चुनाव में इस बार 10 लाख 36 हजार से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकारी का प्रयोग किया। चुनाव के लिए जिला प्रशासन ने 2236 मतदान केंद्र बनाए गए थे। शांति पूर्वक मतदान संपन्न होने के बाद प्रशासन के सामने निष्पक्ष मतगणना कराने की चुनौती है।
देश ही नहीं दुनिया की भी निगाहें
रायबरेली सीट हमेशा से हॉट सीट मानी जाती है। इस सीट के चुनावी परिणाम पर हमेशा से देश ही नहीं दुनिया की भी निगाहें रहीं हैं। 1952 से अबतक 17 बार कांग्रेस के प्रत्याशी या गांधी परिवार के सदस्यों ने जीत दर्ज की है। दो बार भाजपा व एक बार जनसंघ के प्रत्याशी ने भी जीत दर्ज की है।इंदिरा गांधी तीन बार सांसद बनी तो उनकी बहू सोनिया गांधी को रायबरेली की जनता ने पांच बार जीत का सेहरा बांधा। इस बार राहुल चुनाव मैदान में हैं। वहीं भाजपा से राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभारदिनेश प्रताप सिंह मैदान में हैं। चुनाव परिणाम के बाद दिनेश प्रताप सिंह और राहुल गांधी दोनों का राजनैतिक भविष्य भी तय होगा।
मैदान में हैं यह प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव में इस बार आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस से राहुल गांधी, भाजपा से दिनेश प्रताप सिंह, बीएसपी से ठाकुर प्रसाद यादव, अखिल भरतीय अपना दल से दिलीप सिंह, अपना दल कामेरावादी से मो. मोबिन, मानवतावादी समाज पार्टी से हिंद रोहिताश, भारतीय पंचशील पार्टी से सुदर्शन राम और निर्दलीय होरी लाल चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं।परिणाम से उजागर होगा नेताओं की खेमेबाजी का राज
चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों में खूब खेमेबाजी रही। विधानसभावार खेमेबाजी देखने को मिली, लेकिन नेताओं ने इसे कभी सामने नहीं आने दिया। अंतर्मन का विरोध हर मंच पर साफ देखने को मिला, लेकिन मंच जरूर साझा किया। चुनाव प्रचार के दौरान कई अवसर ऐसे आए जब सभी नेता एक मंच पर आए, लेकिन चेहरे पर विरोध के भाव दिखे। चार जून को नेताओं की खेमेबाजी का खेल मतों से पता चलेगा कि उनके क्षेत्र में पार्टी को कितने वोट मिले हैं ।
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