Rae Bareli School पूरे उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड के चलते स्कूलों की छुट्टी चल रही थी लेकिन अब ठंड से थोड़ी राहत मिलने पर शिक्षा के मंदिर के दरवाजों को दोबारा से खोला गया है। हालांकि एक माह बाद परिषदीय विद्यालय खुले। 10 तो कहीं 20 फीसद विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। हालात यह थे कि बच्चों के न आने पर शिक्षक उन्हें बुलाने घर पहुंच गए।
जागरण टीम, रायबरेली। शीतकालीन अवकाश और फिर कड़ाके की ठंड के कारण स्कूल बंद चल रहे थे। सोमवार को एक माह बाद परिषदीय विद्यालय खुले। 10 तो कहीं 20 फीसद विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। हालात यह थे कि बच्चों के न आने पर शिक्षक उन्हें बुलाने घर पहुंच गए।
उधर, सकट चतुर्थी पर महिलाओं का अवकाश और पुरुष शिक्षक न होने के कारण कंपोजिट विद्यालय पुलिस लाइंस, कंपोजिट विद्यालय सत्यनगर, प्राथमिक विद्यालय पीएसी, प्राथमिक विद्यालय छोटी बाजार, प्राथमिक विद्यालय खालीसहाट समेत कई विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रभावित रहा।
बछरावां: महिला शिक्षकों का अवकाश होने के कारण मल्हीपुर, सरौरा, नीमटिकर, बबुरिया खेड़ा समेत कई परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य बाधित रहा है। कंपोजिट विद्यालय नीमटीकर में सिर्फ अनुदेशक पंकज कुमार शर्मा मौजूद मिले। दो बजे प्राथमिक विद्यालय बबुरिया खेड़ा में ताला लटकता मिला।
छतोह: कंपोजिट विद्यालय धराई भुवालपुर में 194 बच्चे पंजीकृत हैं, इसके सापेक्ष मात्र 27 उपस्थित रहे। जूनियर विद्यालय दोस्तपुर बुढबारा में 104 में 38, प्राथमिक विद्यालय गोपालीपुर में 55 में से 12 उपस्थित रहे। कंपोजिट विद्यालय धरई भुवालपुर के प्रधानाचार्य हरकेश मौर्य ने बताया कि विद्यालय खुलने के एक घंटे तक बच्चे नहीं आए तो उनके घर गए और बुलाकर लाए।
शिवगढ़: प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर में 135 में से 13, प्राथमिक विद्यालय राजापुर में 107 में से मात्र 15, कंपोजिट विद्यालय पड़रिया में 190 में से 15 छात्र मौजूद रहे।
नजदीकी विद्यालय से भेजे गए शिक्षक
लालगंजः ब्लाक क्षेत्र के पांच पूर्व माध्यमिक विद्यालय व 26 प्राथमिक विद्यालयों में केवल महिला शिक्षिकाएं तैनात हैं। इनमें नजदीकी विद्यालयों से एक-एक शिक्षक विद्यालय संचालन के लिए भेजा गया। छात्रों की उपस्थित काफी कम रही।
पूरे नरायण विद्यालय में 35 में सिर्फ चार बच्चे स्कूल पहुंचे। ददरी दतौली प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत 44 में से मात्र छह बच्चे आए। प्राथमिक विद्यालय चचिहा में में पांच बच्चे उपस्थित मिले। आदर्श बाल केंद्रित विद्यालय दतौली में बच्चे ही नहीं आए।
जिन विद्यालयों में सिर्फ महिलाएं थी, वहां आसपास के विद्यालयों से शिक्षकों को भेजा गया। विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। -
शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए
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