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सरकारी अस्पताल में मरीज की पर्ची देख तमतमा उठे एसडीएम, डॉक्टर से पूछा कारण तो छूट गए पसीने

जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देश पर एसडीएम सचिन यादव ने जिला अस्पताल में छापा मारा जहां डॉक्टर द्वारा ओपीडी में बैठकर बाहर की दवाएं लिखी जा रही थीं। एसडीएम ने डॉक्टर को कड़ी फटकार लगाते हुए सीएमएस से स्पष्टीकरण मांगा है। डॉक्टर के बाहरी दवाएं लिखते पकड़े जाने पर अस्पताल में तरह-तरह की बातें होती रहीं। एसडीएम ने सीएमएस को अस्पताल की कमियों को जल्द दुरुस्त कराने के निर्देश दिए।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 09 Sep 2024 09:17 PM (IST)
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जिला अस्पताल की ओपीडी में बाहर की दवा के बिल बाउचर की मोबाइल से फोटो लेते एसडीएम। जागरण

जागरण संवाददाता, रायबरेली। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देश पर जिला महिला व पुरुष अस्पताल में एसडीएम (न्यायिक) सचिन यादव ने सोमवार को छापा मारा। इस दौरान डॉक्टर द्वारा ओपीडी में बैठकर बाहर की दवाएं लिखी जा रही थी, एसडीएम ने मौके पर ही पर्ची पकड़ ली। 

एसडीएम ने डॉक्टर को कड़ी फटकार लगाते हुए सीएमएस से स्पष्टीकरण मांगा है। डॉक्टर के बाहरी दवाएं लिखते पकड़े जाने पर अस्पताल में तरह तरह की बातें होती रहीं। 

अचानक पहुंचे थे एसडीएम

सोमवार को लगभग 12 बजे एसडीएम जिला अस्पताल पहुंचे। सीएमएस से मरीजों की भारी भीड़ को लेकर बातचीत की। वहीं दवा काउंटर पर लगी लंबी लाइन को देखकर नाराज हुए। 

सीएमएस ने तत्काल फार्मासिस्ट से इसको समाप्त करने के लिए कहा। इसके बाद एसडीएम ने सबसे पहले ओपीडी कमरा नंबर 11, 12 का निरीक्षण किया। इसके बाद कक्ष संख्या 13 में डाॅ. शैलेश के कमरे में पहुंचे। 

इस दौरान महिला मरीज से बात करते समय उन्हें बाहर की दवा का बिल वाउचर मिला, जिस पर चिकित्सक का नाम लिखा था। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर से वाउचर के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन वो सही जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने मोबाइल से वाउचर की फोटो खींची। 

उन्होंने डॉक्टर से मिले बिल वाउचर के बारे में सीएमएस से स्पष्टीकरण मांगा। सीएमएस ने तत्काल प्रभाव से चिकित्सक को बुलाकर लिखित जवाब देने के लिए कहा। महिला अस्पताल में मरीज व जांच रजिस्टर प्रमाणित न होने पर सीएमएस निर्मला साहू से जानकारी मांगी। सीएमएस को अस्पताल की कमियों को जल्द दुरुस्त कराने के निर्देश दिए।

एसडीएम द्वारा पकड़े गए दवा के बिल वाउचर पर चिकित्सक से तत्काल लिखत जवाब मांगा गया है। बाहर की दवा को लेकर सभी डॉक्टर को पत्र जारी किया गया है। खाने में चावल की कमी को लेकर उन्हें अवगत कराया गया है कि ये टेंडर के जियो में नहीं है।

-डॉ. प्रदीप अग्रवाल, सीएमएस जिला अस्पताल

जिला अस्पताल में उपलब्ध हैं दवाएं

जो दवाएं पकड़े गए वाउचर पर लिखी गई हैं, वो सामान्य दवाएं है, जो कि जिला अस्पताल में उपलब्ध हैं। मगर इसके बावजूद डॉक्टर मरीजों को बाहर से महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर कर रहे हैं। ऐसे में सवाल इस बात का है कि मरीजों को लूटने वाले इन डॉक्टरों पर क्या अंकुश लग पाएगा। यह मामला तो एसडीएम के सामने आ गया, अन्यथा हर रोज मरीज ठगे जा रहे हैं।

जिलाधिकारी के आदेश पर जिला अस्पताल व महिला अस्पताल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान ओपीडी में एक वाउचर मिला है, जिस पर बाहर की दवाएं लिखी थी। इस संबंध में सीएमएस से स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण आने के बाद उसी अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

-सचिन यादव, एसडीएम (न्यायिक)

डॉक्टर ने आरोपों को नकारा

वहीं, फिजिशियन डॉ. शैलेश सिंह ने आरोपों को नकारते हुए कहा, मैं मरीज को देख रहा था, अचानक एसडीएम आ गए। उन्होंने महिला मरीज से बात की, जो मुझसे चिकित्सीय सलाह ले रही थी। उन्होंने उससे बाहर की दवा के बारे में पूछा तो उसने दवा का बिल वाउचर दिखाया। उस पर सीएमएस ने जवाब मांगा है। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप गलत हैं।

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