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Raebareli News: यूपी के रायबरेली में बड़ा हादसा, बाइक सवार तीन युवकों की दर्दनाक मौत

रायबरेली में सोमवार की सुबह एक हादसे में बाइक सवार तीन युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में दो चचेरे भाई हैं। युवकों की मौत पर उनके घरों में कोहराम मच गया। पुल‍िस ने शवों को पोस्‍टमार्टम के ल‍िए भेज द‍िया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। कोतवाल संजय सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Mon, 21 Oct 2024 08:37 AM (IST)
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हादसे में मरने वाले युवकों के पर‍िजन।

संवाद सूत्र, लालगंज (रायबरेली)। यूपी के रायबरेली में सोमवार की सुबह एक हादसे में बाइक सवार तीन युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में दो चचेरे भाई हैं। युवकों की मौत पर उनके घरों में कोहराम मच गया। पुल‍िस ने शवों को पोस्‍टमार्टम के ल‍िए भेज द‍िया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।  

सरेनी थाना क्षेत्र के पूरे लालू मजरे बेनी माधवगंज निवासी प्रशांत पुत्र दिनेश बाजपेई समेत पूरे चंद्रशेखर मजरे गोपाली खेड़ा निवासी शिवेंद्र मिश्रा पुत्र संतोष मिश्रा और गोपाल मिश्रा पुत्र महेश मिश्रा तीनों रविवार की देर शाम गांव में एक साथ थे। उन्होंने कुछ दिन पहले ही नई बाइक खरीदी थी।

तीनों युवकों ने अपने परिजनों से मित्र के घर जाने की बात कही थी और रात में दो बाइकों से घर से निकले थे। सुबह लालगंज डलमऊ मुख्य मार्ग पर बहाई गांव के पास तीनों मृत अवस्था में सड़क किनारे पड़े मिले। उनकी दुर्घटना किस वाहन से हुई यह किसी को पता नहीं चल सका।

प्रशांत बाजपेई अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र बचा था। उसके बड़े भाई का पहले ही बीमारी के दौरान निधन हो चुका है। प्रशांत मल्केगांव में डाक पोस्टमास्टर था। उसकी मौत पर पिता दिनेश बाजपेई का रो-रो कर बुरा हाल है। शिवेंद्र गिट्टी मौरंग का बड़ा व्यापारी था। दो भाइयों में वह छोटा था। कोतवाल संजय सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

फाग सेफ डिवाइस से ट्रेनों की बढ़ेगी रफ्तार, रुकेंगे हादसे

जागरण संवाददाता, रायबरेली। ठंडक बढते ही ट्रेनों की स्पीड अपने आप कम होने लगती है। कोहरे के कारण दृश्यता कम होने से धीमी रफ्तार से चलाई जाती है, लेकिन अब फाग सेफ डिवाइस मिलने से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। इस डिवाइस के जरिए लोको पायलट को एक किमी पहले ही रेलवे ट्रैक पर सिग्नल होने, कोई गड़बड़ी होने समेत अन्य संकेत मिल जाएंगे। इसके साथ ही हादसों पर भी रोक लगेगी।

रेलवे स्टेशन से 60 जोड़ी यात्री ट्रेनों व मालगाड़ियों का आवागमन रहता है। इनमें 20 जोड़ी यात्री व इतनी ही मालगाड़ियों में स्टेशन के ही 60 लोको पायलट की ड्यूटी निरंतर लगाई जाती है। रेल विभाग के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर 60 लोको पायलट को फाग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराई गई है। लोको पायलट को यह डिवाइस अपने पास रखनी होगी। रेलवे क्रासिंग व स्टेशन पर लगे सिग्नल से एक किलोमीटर पहले से सतर्क होने का संदेश मिल जाएगा। यह डिवाइस लगने से रेल गाड़ियों की रफ्तार 50-60 के बजाए 75 की स्पीड में चल सकेंगी।

इसके साथ ही ट्रेनों की लेटलतीफी दूर होगी और यात्रियों को ट्रेनों के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अधिक कोहरे के दौरान भी ट्रेनों का संचालन बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। मुख्य चालक दल नियंत्रक पीके सिंह का कहना है कि प्रत्येक चालक को एक-एक फाग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराई गई है। इस डिवाइस में जीपीएस लगा है, जो रेलवे क्रासिंग व स्टेशन से एक किलोमीटर पहले लोकेशन बताएगी।

लोको पायलट को डिवाइस मिलने के बाद रेल हादसे भी रुकेंगे। रेल यातायात निरीक्षक राजेश कुमार का कहना है कि फाग सेफ डिवाइस लगनेे से समय पर गाड़ियों को चलाने में मदद मिलेगी। यात्रियों को ट्रेन के देरी से आने की समस्या से भी नहीं जूझना पड़़ेगा। डिवाइस सार्थक कारगर साबित होगी।

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