Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

वाह री यूपी पुलिस! निर्दोष को ही भेज दिया जेल, थानेदार का दावा- मेरा 30 साल का अनुभव

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में गदागंज पुलिस की कारस्तानी ने मित्र पुलिस के कथन को दागदार कर दिया है। लूट के मामले में पुलिस ने निर्दोष को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था लेकिन न्यायालय से राहत मिलने के बाद युवक ने पुलिस की करतूत उजागर की है। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 09 Sep 2024 11:26 PM (IST)
Hero Image
जेल से छूटने के बाद आपबीती सुनाते हुए दीपू। वीडियो ग्रैब

जागरण संवाददाता, रायबरेली। मित्र पुलिस के कथन को दागदार करने के लिए गदागंज पुलिस की कारस्तानी काफी है। यहां जिसने लूट की रकम पुलिस को सुपुर्द किया, उसी को आरोपी बना कर जेल भेज दिया। खिलाफत शुरू हुई, विभाग की फजीहत होने लगी तो पुलिस ने पांव पीछे खींचने में ही अपनी भलाई समझी। 

दरअसल, गदागंज में हुई जन सुविधा केंद्र संचालक के साथ लूट के मामले में पुलिस का शिकार जेल में 13 दिन तक बंद रहे जमुनीपुर चरुहार निवासी दीपू को न्यायालय से राहत मिली। 

शनिवार को जेल से बाहर आते ही दीपू ने सबसे पहले गदागंज पुलिस की करतूत उजागर करते हुए आप बीती बताई। दीपू ने बताया कि मामले में आरोपी दिखाने के लिए पुलिस ने उसे पैसों से भरा बैग पकड़ाया, फिर वीडियो बनाया। इसके बाद तीसरे दिन उसे जेल भेज दिया।

दो दिन थाने में बिठाए रखा

दीपू ने बताया कि घटना की रात यानी 20 अगस्त की रात वह आरओ का पानी लेने जा रहे थे। रास्ते में बैग पड़ा देखा तो रुक गए। उस समय साथ में तीन लोग और थे, जिसके बाद वह बैग लेकर अपने घर आ गया। 

दीपू ने मामले के बारे में प्रधान को बताया, जिसके बाद वह बैग लेकर थाने गए और थानाध्यक्ष को रुपयों से भरा बैग सौंप दिया। कहा कि इसके बाद उसे दो दिन थाने में बिठाए रखा गया।

तीसरे दिन जंगल ले जाकर पुलिस ने उनके हाथ में बैग देकर वीडियो बनाया, जिसके बाद पुलिस उसे दूसरे रास्ते से लेकर थाने आ गई और उसे ही मुजरिम बनाकर जेल भेज दिया गया। 

दीपू का कहना है कि यह 13 दिन उसके लिए बहुत कष्टकारी रहे, जिसे वह जीवन भर नहीं भूल पाएगा। निर्दोष होने के बाद भी पुलिस ने जिस तरह उसे अपराधी साबित कर दिया, वह मित्र पुलिस पर एक बहुत बड़ा दाग है।

घटना की जांच कर रहे डलमऊ कोतवाल पवन कुमार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही खुलासा किया जाएगा। वहीं, दीपू को जेल भेजने वाले थानेदार ने मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

मुझे विभाग में सेवा देते हुए 30 वर्ष हो गए हैं। मैंने दीपू को दोषी पाया था, तब कार्रवाई की। बाकी अब अगले विवेचक जानें, मुझे इस पर कुछ नहीं कहना।

-राकेश चंद्रा, थानेदार, गदागंज

अखिलेश और प्रियंका ने दी प्रतिक्रिया

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा, अगर अच्छे लोगों को अपनी अच्छाई के बदले भाजपा सरकार की पुलिस से ऐसा व्यवहार मिलेगा तो हो चुका प्रदेश का कल्याण। इस षड्यंत्र में शामिल सभी लोगों की कड़ी निष्पक्ष जाँच हो उससे भी कड़ी दंडात्मक कार्रवाई।

वहीं, कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने फेसबुक वॉल पर लिखा, यूपी पुलिस के लिए कानून-व्यवस्था खिलवाड़ बन चुकी है… निर्दोष को प्रताड़ना और अपराधी को अभयदान- यूपी में प्रशासन का यही मूल मंत्र बन गया है।

सीएससी संचालक से हुई थी लूट

बता दें कि 20 अगस्त की रात गदागंज के जलालपुर धई निवासी सीएससी संचालक रवि चौरसिया से बदमाशों ने आठ लाख रुपये व बाइक लूट ली थी। मामले में पुलिस ने 26 अगस्त को रुपयों की बरामदगी दिखाते हुए दीपू को जेल भेज दिया था। 

29 अगस्त को व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने नेतृत्व में गदागंज समेत आस पास के व्यापारियों, दीपू के परिजनों व बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर धरना प्रदर्शन किया। कई घंटों तक चले धरना प्रदर्शन के बाद 72 घंटे में घटना का सही राजफाश करने के आला अधिकारियों के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ था।

यह भी पढ़ें: सरकारी अस्पताल में मरीज की पर्ची देख तमतमा उठे एसडीएम, डॉक्टर से पूछा कारण तो छूट गए पसीने

यह भी पढ़ें: टोचन कर खींची गई वंदे भारत एक्सप्रेस, अचानक बंद हो गई थी ट्रेन, सामने आई खराबी की वजह