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Rampur: फैसले के करीब पहुंचा आजम खां का एक और मुकदमा, पड़ोसी ने चार साल पहले की थी FIR

Azam Khan वर्ष 2019 में आजम खां के खिलाफ उनके पड़ोसी मोहम्मद अहमद ने गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आजम खां के घर के पास प्लाट खरीदा था। इस पर मकान व 10 दुकानें बनवाई थीं। उनका आरोप है कि आजम खां और उनके भाई इस पर कब्जा करना चाहते थे। वर्ष 2013 में सपा शासनकाल में उनके मकान और...

By Bhaskar SinghEdited By: riya.pandeyUpdated: Fri, 15 Dec 2023 03:56 PM (IST)
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फैसले के करीब पहुंचा आजम खां का एक और मुकदमा
जागरण संवाददाता, रामपुर। Azam Khan: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के खिलाफ एक और मुकदमा फैसले के करीब पहुंच गया है। यह मुकदमा उनके पड़ोसी की ओर से दर्ज कराया गया था। इसमें आजम खां के अलावा उनके भाई, बेटा और भतीजा भी नामजद है। इसमें मारपीट के साथ ही जानलेवा हमले की धारा 307 भी लगी है।

इस मुकदमे में दोनों पक्षों की ओर से गवाही की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अंतिम बहस में भी अदालत दोनों पक्षों को सुन चुकी है। अब अदालत ने 16 दिसंबर को दोनों पक्षों को अपनी बात रखने का आखिरी अवसर दिया है। इसके बाद अदालत कभी भी फैसला सुना सकती है।

यह है मामला

पड़ोसी से मारपीट का मामला चार साल पुराना है। वर्ष 2019 में आजम खां के खिलाफ उनके पड़ोसी मोहम्मद अहमद ने गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आजम खां के घर के पास प्लाट खरीदा था। इस पर मकान व 10 दुकानें बनवाई थीं। उनका आरोप है कि आजम खां और उनके भाई इस पर कब्जा करना चाहते थे।

वर्ष 2013 में सपा शासनकाल में उनके मकान और दुकानों को तोड़ने का प्रयास किया गया। मामला अदालत में पहुंच गया तो आजम खां के इशारे पर उनके भाई और भतीजे ने रास्ते में घेरकर मारपीट की थी। पुलिस ने इस मामले की विवेचना पूरी कर आजम खां, उनके भाई सेवानिवृत्त इंजीनियर शरीफ खां, बेटे और भतीजे के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए थे।

अभियोजन की ओर से बहस पूरी

मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। दोनों पक्षों की ओर से गवाही की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अदालत ने पत्रावली अंतिम बहस के लिए लगा दी थी। अभियोजन की ओर से बहस पूरी हो गई थी। बचाव पक्ष की बहस चल रही थी। गुरुवार को भी बचाव पक्ष ने अपनी बहस की।

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि अब अदालत ने 16 दिसंबर को बहस का अंतिम अवसर दिया है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात रख सकते हैं। इसके बाद पत्रावली पर निर्णय होगा।

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