Rampur: आजम खान, पत्नी फात्मा व बेटे अब्दुल्ला की सजा के खिलाफ अपील पर पूरी नहीं हो सकी बहस, अब 19 दिसंबर को होगी सुनवाई
Azam Khan Case आजम खां उनकी पत्नी और बेटे को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने 18 अक्टूबर को सात साल कैद की सजा सुनाई थी। यह सजा शहर विधायक आकाश सक्सेना की ओर से दर्ज कराए मुकदमे में हुई थी। इस मुकदमे में विधायक ने कहा था कि अब्दुल्ला के अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान, उनकी पत्नी पूर्व सांसद डॉ. तजीन फात्मा और बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को सात साल की सजा के खिलाफ अपील पर शनिवार को बहस हुई।
आजम खां की ओर से बहस के लिए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता जुबैर अहमद और मनु शर्मा कोर्ट में मौजूद रहे तो अभियाेजन की ओर से लखनऊ से अपर महाअधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह कोर्ट पहुंचे। बहस पूरी नहीं हो सकी है। अदालत अब 19 दिसंबर को सुनवाई करेगी।
आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने 18 अक्टूबर को सात साल कैद की सजा सुनाई थी। यह सजा शहर विधायक आकाश सक्सेना की ओर से दर्ज कराए मुकदमे में हुई थी।
इस मुकदमे में विधायक ने कहा था कि अब्दुल्ला के अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। एक जन्म प्रमाण पत्र नगर पालिका रामपुर से बनाया गया था, जबकि दूसरा लखनऊ से। अदालत ने तीनों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी।
इस मामले में आजम खां सीतापुर जेल में सजा काट रहे हैं, जबकि अब्दुल्ला हरदोई की जेल में बंद हैं। आजम खां की पत्नी रामपुर जेल में सजा काट रही हैं। तीनों की ओर से अलग-अलग अपील पर एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में सुनवाई चल रही है।
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आजम खां की ओर से दिल्ली से आए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मनु शर्मा ने बहस की। इस दौरान शहर विधायक के प्राइवेट अधिवक्ता संदीप सक्सेना और अभियाेजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा भी मौजूद रहीं।
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