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आजम खां और बेटे अब्दुल्ला की बढ़ी मुसीबत, शत्रु संपत्ति मामले में फिर आरोपों से घिरे; रिमांड अर्जी खारिज

शत्रु संपत्ति मामले में सपा नेता और उनके बेटे को बड़ा झटका मिला है। आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला पर दुबारा शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में फिर से आरोप लगे हैं। पुलिस ने दोबारा विवेचना के बाद उन्हें आरोपित बनाया है। न्यायालय ने आजम खां की रिमांड अर्जी खारिज कर दी है। अब उनके खिलाफ 15 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

By Bhaskar Singh Edited By: Riya Pandey Updated: Mon, 07 Oct 2024 09:12 PM (IST)
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शत्रु संपत्ति मामले में आजम खां और बेटे अब्दुल्ला को बड़ा झटका (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, रामपुर। शत्रु संपत्ति के जिस मामले में आजम खां को क्लीन चिट दे दी थी, उस मामले में पुलिस ने दोबारा विवेचना के बाद उन्हें व उनके बेटे अब्दुल्ला को फिर से आरोपित बना दिया है।

विवेचना अधिकारी द्वारा इस मामले में पिता-पुत्र का रिमांड लेने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर आजम खां ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आपत्ति दाखिल की थी। न्यायालय ने आजम खां की आपत्ति काे खारिज कर दिया है।

शत्रु संपत्ति हड़पने के लिए किए गए फर्जीवाड़े के मुकदमे से आजम खां का नाम निकालने का मामला पिछले दिनों चर्चा में रहा था। शासन ने पूर्व एसपी अशोक शुक्ला के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे।

शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का आरोप 

यह मुकदमा रिकॉर्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में नौ मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद व अज्ञात के विरुद्ध दर्ज कराया गया था। इसमें शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने का आरोप है।

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यह शत्रु संपत्ति आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी के आसपास थी, जो इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी। इमामुद्दीन कुरैशी विभाजन के समय देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। वर्ष 2006 में यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गई थी।

भूमि के रिकॉर्ड की जांच करने पर पता चला था कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा कर शत्रु संपत्ति को खुर्द बुर्द करने के लिए आफाक अहमद का नाम गलत तरीके से राजस्व रिकॉर्ड में अंकित कर दिया था। रिकॉर्ड के पन्ने फटे हुए पाए गए थे। इसमें आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला का नाम भी प्रकाश में आया था। हालांकि उन्हें बाद में क्लीन चिट दे दी गई थी।

प्रार्थना पत्र पर आपत्ति जताते हुए की थी रिमांड खारिज करने की मांग

मामला शासन तक पहुंचा, जिस पर दोबारा विवेचना कराई गई। विवेचना के बाद आजम खां व उनके बेटे को आरोपित बनाकर विवेचना अधिकारी ने न्यायालय में उनके कस्टडी रिमांड के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। आजम खां के अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र पर आपत्ति जताते रिमांड खारिज करने की मांग की थी। अभियोजन का तर्क था कि पत्रावली पर दोनों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिसके आधार पर रिमांड बनता है।

न्यायालय ने आपत्ति को खारिज करते हुए आजम खां व उनके बेटे को आरोपित माना है। अब उनके खिलाफ शत्रु संपत्ति के मामले में सुनवाई होगी। इसके लिए 15 अक्टूबर तय हुई है।

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