Azam Khan News: आयकर विभाग की छापेमारी के बाद पहली बार बोले आजम- दीवार फांदकर हमारे घर में घुसी टीम
60 घंटे की छापेमारी के बाद शुक्रवार शाम आयकर विभाग की टीम वापस लौट गई। इसके बाद आजम खां ने मीडिया से बात की। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां ने कहा कि हम सो रहे थे तब आयकर विभाग की टीम दीवार फांदकर हमारे घर में घुस आई और दरवाजा खोल लिया। फौजी वर्दी पहने जवानों को देखकर हम समझ गए कि कोई बात जरूर है।
By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 16 Sep 2023 12:48 AM (IST)
रामपुर, जागरण संवाददाता: आजम खां के घर 60 घंटे की छापेमारी के बाद शुक्रवार शाम आयकर विभाग की टीम वापस लौट गई। इसके बाद आजम खां ने मीडिया से बात की। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां ने कहा कि हम सो रहे थे, तब आयकर विभाग की टीम दीवार फांदकर हमारे घर में घुस आई और दरवाजा खोल लिया। फौजी वर्दी पहने जवानों को देखकर हम समझ गए कि कोई बात जरूर है।
आजम ने कहा, ‘13 सितंबर सुबह सात बजे आईटी की टीम आई और दरवाजे पर दस्तक हुई। हम बहुत देर से सोते हैं। तब नींद में थे। लगा कि दरवाजे पर कोई है। टीवी भी आन नहीं थे, जो देख सकते। बाहर निकले तो दरवाजे के अंदर कुछ लोग कूदकर आ चुके थे और गेट खोल दिया था। अंदाजा हो गया कि फौज की वर्दी में लोग हैं, कोई बात जरूर है। उम्मीद नहीं थी। उन्होंने पेपर दिखाए, हम आइटी से हैं। तीन दिन लगातार तलाशी ली’।
आगे बताया, ‘हमारे घर की, अब्दुल्ला और अदीब के सामान की। सारी अटैचियां, सारी अलमारियां, सारी फाइल, सारे पेपर्स, जो देखे जा सकते थे, वह देखे। इस काम में उन्हें समय लगा। हमारे लिए तकलीफ की बात यह है कि अब से दो महीने पहले बारिश हुई थी, तब दो फिट पानी में सामान डूब गया था। अब फिर बारिश हुई तो तीन फिट पानी आ गया। सारा सामान घर में फैला पड़ा था। अब इन तिनकों को बिटोरने में कितने हफ्ते लगेंगे’।
वहीं, आयकर अधिकारी जाते समय भी मीडिया से बचते रहे और कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करा सके। जांच का परिणाम क्या निकला, इसके बारे में कुछ नहीं बताया।
कई अफसरों की फंस सकती है गर्दन
जौहर यूनिवर्सिटी का मूल्यांकन करने में कई अफसरों की गर्दन फंस सकती है। सपा शासनकाल में श्रम विभाग ने इमारतों की लागत दो हजार करोड़ बताई थी, लेकिन भाजपा सरकार में लागत को घटाकर 147 करोड़ कर दिया। अब आयकर विभाग की टीमें इसका सही से आकलन कर रही हैं। इसकी लागत एक हजार करोड़ से भी ज्यादा बताई जा रही है। ऐसे में उन अफसरों की गर्दन भी फंस रही है, जिन्होंने इसकी लागत काम कर दी थी।
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