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Chakbandi in UP: यूपी के इस जिले में 12 गांवों में होगी चकबंदी, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं निर्देश

ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार बढ़ने के साथ ही अक्सर जमीनों का बटवारा भी हो जाता है। खरीदी गई जमीन व पैतृक भूमि अलग-अलग जगहों पर होती है। इस कारण किसानों को खेती करने में दिक्कतें होती हैं। गांवों में भूमि विवाद सरकारी भूमि पर अतिक्रमण समेत कई शिकायतों की संख्या अधिक होने लगती है। जिसके कारण सरकार एक निश्चित समय के बाद चकबंदी कराती है।

By Sanjeev SharmaEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Tue, 26 Sep 2023 09:16 AM (IST)
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जनपद के 12 ग्रामों में
रामपुर, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जनपद के 12 ग्रामों में चकबंदी कराने का निर्णय लिया गया है। इसकी तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी संजय कुमार ने बताया कि चकबंदी आयुक्त द्वारा तहसील टांडा के ग्राम चक रफतपुर, दर्शनपुर, भटपुरा एवं तहसील शाहबाद के ग्राम मडैय्यान झाऊ, भजनपुर, मझरा, मोहम्मद नगर, तहसील बिलासपुर के ग्राम रफतपुर, बेरखेड़ा, गदईया नसीमगंज, सरवर नगर तथा तहसील स्वार के ग्राम रूस्तमनगर निकट छपर्रा को चकबंदी प्रक्रियाओं में शामिल किया गया है।

गांवों में जल्द शुरू होंगी प्रक्रियाएं

इस बारे में चकबंदी लेखपाल प्रेमशंकर को तहसील टांडा व स्वार, सुमन कांत गौतम को तहसील बिलासपुर एवं रामसिंह को तहसील शाहबाद के ग्रामों के अभिलेख प्राप्त करने को अधिकृत किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि सभी ग्रामों में शीघ्र ही चकबंदी प्रक्रियाएं आरंभ कर दी जाएंगी।

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चकबंदी प्रक्रियाओं में सर्वप्रथम खेतों की नाप करते हुए अभिलेखों को दुरुस्त किया जाएगा। इस प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने को इन ग्रामों से संबंधित सभी कृषकों की बैठक शीघ्र ही ग्राम में करते हुए इस बारे में विस्तार से अवगत कराया जाएगा।

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यूपी में 1954 में शुरू हुई थी चकबंदी

यूपी में पहली बार चकबंदी (Chakbandi In UP) की शुरूआत 1954 में मुजफ्फरनगर की कैराना तहसील व सुल्तानपुर जिले की खाना तहसील से हुई थी। इस सफल परीक्षण के बाद 1958 में चकबंदी को पूरे प्रदेश में लागू किया गया था।

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