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    सपा सरकार चाहती थी आतंकियों के मुकदमे वापस... रामपुर सीआरपीएफ कैंप हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान में ढेर

    Updated: Mon, 19 May 2025 08:02 AM (IST)

    सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड अबू सैफुल्लाह को पाकिस्तान में मार गिराया गया है। 2008 में हुए इस हमले में सात जवान शहीद हुए थे। 2012 में सपा सरकार आतंकियों के मुकदमे वापस लेना चाहती थी लेकिन जिला प्रशासन की आपत्ति के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसमें कई आतंकियों को सजा भी सुनाई गई है जिसके खिलाफ वे उच्च न्यायालय में अपील कर रहे हैं।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए फाइल फोटो का उपयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले के मास्टर माइंड अबू सैफुल्लाह को आखिर पाकिस्तान में ही अपने कर्मों की सजा मिल गई। सन 2008 में रामपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों को सैफुल्लाह के बारे में जानकारी मिली थी, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। हमले में सात जवान बलिदान हुए थे जबकि एक रिक्शा चालक की भी जान चली गई थी।

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    सन 2012 में सत्ता में आने के बाद समाजवादी पार्टी की सरकार ने मुकदमा वापस लेने के लिए पत्राचार किया था लेकिन रामपुर जिला प्रशासन की आपत्ति के बाद मुकदमें वापस नहीं हो सके। इस मामले में स्थानीय अदालत ने दो नवंबर 2019 में पाकिस्तान के इमरान व मुहम्मद फारुख, बिहार के सबाउद्दीन सबा और रामपुर के शरीफ उर्फ सुहेल को फांसी की सजा, मुरादाबाद के जंग बहादुर को आजीवन कारावास और मुंबई के फहीम अंसारी को दस साल की सजा सुनाई थी।

    साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया

    बरेली के गुलाब खां और प्रतापगढ़ के कौसर खां को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया। वर्तमान में इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील विचाराधीन है। 31 दिसंबर, 2007 की रात करीब ढाई बजे आतंकियों ने रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हमला बोला था।

    आतंकी दिल्ली-लखनऊ हाईवे से सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के गेट नंबर एक से घुसे थे

    आतंकी दिल्ली-लखनऊ हाईवे से सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के गेट नंबर एक से घुसे थे। आतंकियों ने गेट पर मौजूद जवानों पर गोलियां बरसाईं और हैंड ग्रेनेड भी फेंके। आतंकी एके-47 से गोलियां बरसाते परिसर में काफी अंदर तक घुस गए थे। आतंकियों के खिलाफ मुकदमे में 38 लोगों की गवाही हुई जबकि फहीम अंसारी पर अलग से चलाए गए फर्जी पासपोर्ट और पिस्टल बरामदगी मामले में भी 17 लोगों की गवाही हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता जमीर रिजवी ने बताया कि सजायाफ्ता सभी आतंकी अदालत के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट गए हैं। वहां सुनवाई चल रही है।

    आजम ने किया था मुकदमा वापसी का प्रयास

    विधायक आकाश सक्सेना बताते हैं कि सपा सरकार में तत्कालीन कद्दावर नेता आजम खां ने रामपुर के सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने वालों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। उन्होंने ही शासन स्तर से पत्राचार कराया था। जाहिर है कि वह (आजम खां) किस प्रवृत्ति के हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद हमने मुख्यमंत्री को पत्र देकर इस संबंध में पूरी स्थिति बताई थी। मजबूत पैरवी की वजह से आतंकियों को सजा हुई।

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