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Azam Khan: आजम खान के खिलाफ डूंगरपुर मामले में 31 जुलाई को आ सकता है फैसला, अंतिम बहस पूरी

डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का है। आजम खान सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाए थे। पहले से बने कुछ मकानों को सरकारी जमीन पर बताकर तोड़ दिया गया था। इन लोगों ने ही भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Tue, 23 Jul 2024 06:34 PM (IST)
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आजम खान के खिलाफ मामले में 31 को आ सकता है फैसला (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के विरुद्ध डूंगरपुर प्रकरण के एक और मामले में 31 जुलाई को फैसला आ सकता है। इसमें मंगलवार को अंतिम बहस पूरी हो गई है।

डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का है। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी और आजम खां कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाए थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर तोड़ दिया गया था। इन लोगों द्वारा ही भाजपा की सरकार आने पर वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे।

घरों को जबरन कराया था खाली

12 लोगों की ओर से दर्ज अलग-अलग मुकदमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था। उनका सामान लूट लिया और मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त कर दिया था।

फैसले के करीब मामला

इन मुकदमों में पहले आजम खां नामजद नहीं थे, लेकिन अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी और उनके बयानों के आधार पर पुलिस ने आजम खां को भी आरोपित बनाया था। इन मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। इसमें एक मामला इदरीश ने दर्ज कराया था। यह मामला फैसले के करीब आ गया है।

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि बचाव पक्ष की ओर से अंतिम बहस पिछली तारीख पर पूरी हो गई थी। मंगलवार को अभियोजन ने भी अपना जवाब दाखिल कर दिया है। 31 जुलाई को इस पर निर्णय आने की संभावना है।

नौ मामलों में पहले हो चुका फैसला

आजम खां पर वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ 84 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें ज्यादातर न्यायालय में विचाराधीन हैं। नौ मामलों में फैसला हो चुका है। इनमें छह में सजा हुई, जबकि तीन मामलों में बरी हुए हैं। जिन नौ मुकदमों में फैसला हो चुका है, उनमें चार मामले डूंगरपुर प्रकरण के हैं। अब 31 जुलाई को डूंगरपुर प्रकरण के पांचवें मामले में फैसला आने की संभावना है।

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