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Jayaprada Case: जयाप्रदा की मुश्किलें बढ़ेंगीं या होंगी कम? कुछ घंटों बाद हो जाएगा फैसला, पढ़ें क्या है केस

Jayaprda Case Rampur News In Hindi फिल्म अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है। अब इस मामले में कल (गुरुवार) का दिन बेहद अहम है। जयाप्रदा के न्यायालय में हाजिर न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी हुए थे। आचार संहिता में सड़क उद्घाटन करने का केस भी चल रहा है।

By Bhaskar Singh Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 10 Jul 2024 03:36 PM (IST)
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Rampur News: फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा का फाइल फोटो इस्तेमाल किया गया है।

जागरण संवाददाता, रामपुर। फिल्म अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में गुरुवार को फैसला आ सकता है। इसमें अंतिम बहस पूरी हो चुकी है और पत्रावली फैसले के लिए लगी है।

जयाप्रदा के खिलाफ वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के दो मामले दर्ज हुए थे। इनमें एक मामला केमरी थाने का है, जिसमें उन पर पिपलिया मिश्र गांव में आयोजित जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रॉयल) में चल रही है।

जयाप्रदा की ओर से पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण प्रकाश सक्सेना पैरवी कर रहे हैं। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि इस मामले में गवाही की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और पत्रावली पर दोनों पक्षों की अंतिम बहस पहली जुलाई को पूरी हो गई थी। इसके बाद पत्रावली पर फैसले के लिए न्यायालय ने 11 जुलाई तय की थी। गुरुवार को फैसला आने की संभावना है।

स्वार कोतवाली में भी दर्ज हुआ था मुकदमा

जयाप्रदा के विरुद्ध आचार संहिता उल्लंघन का एक मामला स्वार कोतवाली में भी दर्ज हुआ था। इसमें उन पर आचार संहिता के बावजूद नूरपुर गांव में सड़क के उद्घाटन का आरोप है। इसकी सुनवाई भी एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इसमें भी गवाही पूरी हो चुकी है। इस मामले में भी गुरुवार को सुनवाई है। इसमें अंतिम बहस शुरू होगी।

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जयाप्रदा के खिलाफ जारी हुए थे गैर जमानती वारंट

इन दोनों ही मामलों में जयाप्रदा अदालत में लंबे समय तक तारीखों पर नहीं पहुंची थीं। सुनवाई पर न आने के कारण उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट भी जारी हुए थे। न्यायालय ने उनके खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। 27 फरवरी को न्यायालय ने उनके विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 82 (फरारी की उद्घोषणा) का नोटिस जारी किया था। 

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एसपी को उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे। इस पर चार मार्च को जयाप्रदा न्यायालय पहुंची थीं। उन्होंने वारंट वापसी का प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें कहा था कि स्वास्थ्य संबंधी कारणों से वह न्यायालय में नहीं आ पा रही थीं। न्यायालय ने उनके वारंट वापस कर दिए थे। इसके बाद मुकदमों में सुनवाई शुरू हो सकी थी।