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Azam Khan: आजम खां की और बढ़ सकती हैं मुश्‍क‍िलें, बेटे के अलावा भाई और भतीजा भी है नामजद; जल्‍द आ सकता है फैसला

आजम खां के खिलाफ अभी कई अन्य मुकदमे भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। इनमें कुछ मुकदमों में जल्द फैसला आने की संभावना जताई जा रही है। इनमें एक मामला पड़ोसी से मारपीट का है। इस मामले में अभियोजन की ओर से गवाही की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यह मामला मोहम्मद अहमद ने अगस्त 2019 में गंज कोतवाली में दर्ज कराया था। वह आजम खां के पड़ोसी हैं।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Wed, 18 Oct 2023 10:56 PM (IST)
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आजम के खिलाफ कई अन्य मुकदमे भी कोर्ट में विचाराधीन हैं, ज‍िनपर फैसला आ सकता है।- फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, रामपुर। आजम खां और उनके परिवार पर दर्ज मुकदमों में तेजी से सुनवाई हो रही है। बुधवार को आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में अदालत ने सात साल की सजा सुनाई। उनके खिलाफ अभी कई अन्य मुकदमे भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। इनमें कुछ मुकदमों में जल्द फैसला आने की संभावना जताई जा रही है।

इनमें एक मामला पड़ोसी से मारपीट का है। इस मामले में अभियोजन की ओर से गवाही की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यह मामला मोहम्मद अहमद ने अगस्त 2019 में गंज कोतवाली में दर्ज कराया था। वह आजम खां के पड़ोसी हैं। उनका कहना था कि वर्ष 1992 में उन्होंने आजम खां के घर के एक पास प्लाट खरीदा था। इस पर मकान के अलावा 10 दुकानें बनवाई थीं। आजम खां और उनके भाई इस पर कब्जा करना चाहते थे। वर्ष 2013 में सपा शासनकाल में उनके मकान और दुकानों को तोड़ने का प्रयास किया गया। मामला अदालत में पहुंच गया तो आजम खां के इशारे पर उनके भाई और भतीजे ने रास्ते में घेरकर मारपीट की थी।

एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रही है सुनवाई

पुलिस ने इस मामले की विवेचना पूरी कर पुलिस ने आजम खां समेत उनके भाई सेवानिवृत्त इंजीनियर शरीफ खां, बेटे अब्दुल्ला और भतीजे बिलाल खां के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए थे। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है। इसमें अभियोजन की गवाही पूरी हो चुकी है। धारा 313 के अंतर्गत सभी मुलजिमों के बयान भी हो चुके हैं। मामला अंतिम बहस पर आ गया है।

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इसके अलावा एससी-एसटी एक्ट मामले में भी गवाही की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसमें अभियोजन ने आजम खां के वायस सेंपल की मांग की थी, जिसके बाद आजम खां हाईकोर्ट चले गए थे। वहां अभी निस्तारण नहीं हुआ है। यह मामला वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव का है। टांडा कोतवाली में आजम खां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी, जिसमें आरोप है कि उन्होंने क्षेत्र में चुनावी जनसभा की थी। वहां नफरत फैलाने वाला भाषण दिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था। बसपा नेता धीरज शील की ओर से आजम खां पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम व एससी-एसटी एक्ट की धारा में प्राथमिकी पंजीकृत कराई गई थी। बसपा नेता की मृत्यु हो चुकी है।

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उधर, अब्दुल्ला के दो पासपोर्ट मामले में भी सुनवाई लगभग पूरी होने वाली है। इसमें भी पत्रावली धारा 313 में लगा दी। इसके अंतर्गत अब अब्दुल्ला को अपने बयान दर्ज कराने होंगे। अब्दुल्ला के खिलाफ दो पासपोर्ट का मामला भी भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने दर्ज कराया था।

जेल में अलग-अलग बैरकों में आजम परिवार

दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सजा सुनाए जाने के बाद आजम खां को पत्नी और बेटे के साथ एक बार फिर जेल भेज दिया गया। तीनों एक साथ एक ही पुलिस वाहन से कचहरी से जेल के लिए रवाना हुए। हालांकि, जेल के अंदर तीनों को अलग-अलग बैरकों में रखा गया। आजम खां की पत्नी तजीन फात्मा को महिला बैरक में रखा गया है। उनकी तबीयत पहले से खराब है। इसके चलते कचहरी से पुलिस वाहन में बैठाते और जेल पहुंचकर उतारते समय उन्हें सहारा देना पड़ा। सजा के फैसले से सबसे ज्यादा गमजदा वहीं नजर आईं। फैसला सुनाए जाने के बाद से वह गुमसुम हो गईं। हालांकि, आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला भी विचलित हैं, लेकिन उन्होंने अपने भावों को चेहरे पर नहीं आने दिया। प्रशासन ने उन्हें रामपुर जेल से स्थानांतरित करने के लिए शासन को लिखा है।

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