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आजम का वो मशहूर किस्सा- एक डांट ने सिटी मजिस्ट्रेट को खड़े-खड़े कर दिया बेहोश, लोगों ने मारे थे पानी के छींटे

Azam Khan - सपा नेता आजम खां का रामपुर में दबदबा इतना कायम था कि जनता ही नहीं बल्कि अधिकारी भी खौफ खाते थे। आजम की दहशत के किस्सों में एक और किस्सा भी काफी चर्चित है। किस्सा साल 2005 का है जब राज्य में सपा की सरकार थी।

By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Tue, 31 Oct 2023 09:12 PM (IST)
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आजम का वो मशहूर किस्सा- एक डांट ने सिटी मजिस्ट्रेट को खड़े-खड़े कर दिया बेहोश, लोगों ने मारा था पानी का छींटा

जागरण संवाददाता, रामपुर। सपा नेता आजम खां का रामपुर में दबदबा इतना कायम था कि जनता ही नहीं, बल्कि अधिकारी भी खौफ खाते थे। आजम की दहशत के किस्सों में एक और किस्सा भी काफी चर्चित है। किस्सा साल 2005 का है, जब राज्य में सपा की सरकार थी।

यह है पूरा किस्सा

मुर्तजा स्कूल की इमारत सबसे पहले 1995 में कब्जाई गई थी। तब इसके एक हिस्से में सपा का दफ्तर खोला गया था। उस समय सूबे में सपा की सरकार थी। तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट केके चौधरी ने इसका आवंटन किया था। वह रेंट कंट्रोलर भी थे। 

मामला हाईकोर्ट पहुंचा

सपा सरकार गिरने के बाद प्रशासन ने इसे खाली कराना चाहा तो मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया। तब कोर्ट ने आदेश दिया था कि इसका किराया सर्किल रेट के हिसाब से वसूला जाए और इसे आवंटित करने वाले अफसर के वेतन से लिया जाए। इसपर केके चौधरी के वेतन से करीब तीन हजार रुपये महीना कटौती होने लगी।

सत्ता में आई सपा ताे आजम का बढ़ा दबदबा 

साल 2003 में सपा फिर सत्ता में आई तो केके चौधरी ने दोबारा आवंटन कराने के लिए कहा, लेकिन तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट नवाब अली खां ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसमें हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। 

इसके बाद आजम खां उनसे नाराज हो गए। साल 2005 में एक व्यक्ति ने नगर मजिस्ट्रेट की शिकायत की तो आजम खां ने नगर मजिस्ट्रेट को बुरी तरह हड़काया और डीएम व एसपी से भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजने को कहा।

इतना सुनते ही नवाब अली खां बेहोश होकर गिर गए थे। तब कर्मचारियों ने उनके मुंह पर पानी छिड़का तो होश आया। बाद में 2012 में आजम खां ने इमारत को ही कैबिनेट से अपने ट्रस्ट के नाम लीज पर आवंटित करा लिया था।

विधायक बोले- हमने की थी मुख्यमंत्री से शिकायत 

शहर विधायक आकाश सक्सेना का कहना है कि जौहर ट्रस्ट की लीज निरस्त करने का सरकार का फैसला स्वागत योग्य है। आजम ने किस तरह से अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए सरकार की करोड़ों रुपये की जमीन अपने ट्रस्ट के नाम करा ली थी। आज आजम का काला चिट्ठा जनता के सामने है। 

विधायक आकाश सक्सेना ने कहा, हमने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। इस इमारत की कीमत करीब सौ करोड़ रुपये है। जमीन का कुल रकबा 41181 वर्ग मीटर है। इसे 30 साल के लिए मात्र 100 रुपये सालाना की लीज पर आवंटित किया गया था। 

उन्होंने कहा कि मुर्तजा स्कूल में बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ते थे, किंतु आजम खां ने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए 1995 में विद्यालय के भवन को खाली करा लिया और जौहर ट्रस्ट के नाम आवंटित करा लिया।

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