आजम खां के खिलाफ पड़ोसी से मारपीट के चार साल पुराने मामले में सुनवाई करेगा कोर्ट, यतीमखाना प्रकरण के चार मामलों में क्या हुआ?
वर्ष 2019 में आजम खां के खिलाफ उनके पड़ोसी मोहम्मद अहमद ने गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आजम खां के घर के पास प्लाट खरीदा था। इस पर मकान व 10 दुकानें बनवाई थीं। उनका आरोप है कि आजम खां और उनके भाई इस पर कब्जा करना चाहते थे। वर्ष 2013 में सपा शासनकाल में उनके मकान और दुकानों को तोड़ने का प्रयास किया गया।
By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Tue, 28 Nov 2023 05:26 PM (IST)
जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के खिलाफ पड़ोसी से मारपीट के मामले में मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत इस मामले में अब 12 दिसंबर को सुनवाई करेगी। पड़ोसी से मारपीट का मामला चार साल पुराना है।
वर्ष 2019 में आजम खां के खिलाफ उनके पड़ोसी मोहम्मद अहमद ने गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आजम खां के घर के पास प्लाट खरीदा था। इस पर मकान व 10 दुकानें बनवाई थीं। उनका आरोप है कि आजम खां और उनके भाई इस पर कब्जा करना चाहते थे। वर्ष 2013 में सपा शासनकाल में उनके मकान और दुकानों को तोड़ने का प्रयास किया गया।
मामला अदालत में पहुंच गया तो आजम खां के इशारे पर उनके भाई और भतीजे ने रास्ते में घेरकर मारपीट की थी। पुलिस ने इस मामले की विवेचना पूरी कर आजम खां, उनके भाई सेवानिवृत्त इंजीनियर शरीफ खां, बेटे और भतीजे के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए थे। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है।
उधर, आजम खां के खिलाफ यतीमखाना प्रकरण के चार मामलों में भी सुनवाई टल गई। ये यतीमखाना प्रकरण सपा सरकार में हुआ था। तब आजम खां के कहने पर यतीमखाना बस्ती को खाली कराया गया था। इस दौरान मारपीट व लूटपाट की गई।यह भी पढ़ें: Rampur: सात साल की सजा के खिलाफ आजम खां, अब्दुल्ला और तजीन फात्मा की अपील पर टली सुनवाई, जानें क्यों
भाजपा सरकार आने पर वर्ष 2019 में बस्ती से हटाए गए लोगों ने शहर कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इन मुकदमों में आजम खां के साथ ही पुलिस अधिकारी और सपाई भी नामजद हुए थे। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि दोनों मामलों में 12 दिसंबर को सुनवाई होगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।