UP News : मेडिकल क्लेम न देने पर बीमा कंपनी पर 3.64 लाख का भुगतान करने के आदेश
गाजियाबाद और बरेली के अस्पताल में पति का इलाज हुआ। इलाज के दौरान पति की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने बीमा कंपनी में इलाज पर खर्च धनराशि के लिए क्लेम किया जिसे कंपनी ने यह कहते हुए देने से मना कर दिया था कि उनके पति क्रोनिक अल्कोहलिक थे। शर्तों का उल्लंघन बताते हुए क्लेम खारिज कर दिया। तब मजबूर होकर उन्हें फोरम में परिवाद दायर करना पड़ा।
जागरण संवाददाता, रामपुर : मेडिकल क्लेम की धनराशि न देने संबंधी परिवाद में उपभोक्ता फोरम के फैसले ने परिवादी को राहत दी है। फोरम ने मणिपाल सिगना हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को 3.64 लाख रुपये का भुगतान करने के आदेश दिए हैं।
सिविल लाइंस क्षेत्र की गंगापुर आवास विकास कालोनी की चारुल जैन ने अपने अधिवक्ता पंकज जैन के माध्यम से जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दायर किया था, जिसमें कहा था कि उनके पति देवाशीष ने चार जुलाई 2018 को मणिलाल सिगना हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से मेडिकल बीमा कराया था। 19 सितंबर 2023 को उनके पति की अचानक तबीयत खराब हो गई।
इलाज के दौरान पति की हो गई थी मौत
गाजियाबाद और बरेली के अस्पताल में पति का इलाज हुआ। इलाज के दौरान पति की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने बीमा कंपनी में इलाज पर खर्च धनराशि के लिए क्लेम किया, जिसे कंपनी ने यह कहते हुए देने से मना कर दिया था कि उनके पति क्रोनिक अल्कोहलिक थे। शर्तों का उल्लंघन बताते हुए क्लेम खारिज कर दिया। तब मजबूर होकर उन्हें फोरम में परिवाद दायर करना पड़ा।फोरम के अध्यक्ष देवी शंकर प्रसाद श्रीवास्तव और सदस्य मनोज देवी ने परिवाद पर सुनवाई के बाद बीमा कंपनी को 3.64 लाख रुपये उपभोक्ता को देने के आदेश दिए हैं। यह धनराशि 45 दिन के भीतर देने के आदेश किए हैं। फोरम ने पीड़िता को धनराशि देने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि यह धनराशि 45 दिन के भीतर ही दी जाए। वहीं पीड़िता काफी समय से न्याय के लिए गुहार लगा रही थी। बता दें कि अब इस फैसले के बाद उसे राहत मिली है।
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