जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के दोनों मामले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के हैं। तब जयाप्रदा रामपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। वह चुनाव हार गई थीं। उनके खिलाफ स्वार और केमरी थाने में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इनमें स्वार में दर्ज प्राथमिकी में उन पर आचार संहिता के बावजूद नूरपुर सड़क का उद्घाटन करने का आरोप है।
By Bhaskar SinghEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Mon, 18 Dec 2023 10:36 PM (IST)
जागरण संवाददाता, रामपुर : फिल्म अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के दो मामलों में जारी गैर जमानती वारंट निरस्त करने की अर्जी सेशन कोर्ट ने भी खारिज कर दी है। इससे पहले जयाप्रदा ने अपने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता के माध्यम से एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में भी याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया था।
जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के दोनों मामले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के हैं। तब जयाप्रदा रामपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं। वह चुनाव हार गई थीं। उनके खिलाफ स्वार और केमरी थाने में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इनमें स्वार में दर्ज प्राथमिकी में उन पर आचार संहिता के बावजूद नूरपुर गांव में सड़क का उद्घाटन करने का आरोप है।
दूसरा मामला केमरी थाने का है, जिसमें उन पर पिपलिया मिश्र गांव में आयोजित जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। दोनों मामलों में पुलिस ने जांच पूरी कर आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिए थे। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है।
इन मामलों में पिछली कई तारीखों से वह कोर्ट में पेश नहीं हो रही थीं, जिस पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। 11 दिसंबर को जयाप्रदा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता असगर अली ने वारंट निरस्त कराने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया, जिसे मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
सोमवार को जयाप्रदा के अधिवक्ता द्वारा एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में गैर जमानती वारंट निरस्त करने का प्रार्थना पत्र दिया गया। इस पर अभियोजन की ओर से आपत्ति दाखिल की गई। आपत्ति पर सुनवाई हुई।
जयाप्रदा के अधिवक्ता ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया, जबकि सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा का कहना था कि बार-बार अदालत के बुलाने पर भी वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो रही हैं, जिससे मुकदमे के निस्तारण में विलंब हो रहा है। अभियोजन के मुताबिक दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने जयाप्रदा का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है। इन दोनों मामले में मंगलवार को मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में सुनवाई भी होनी है।
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