रामनगर बैराज से कोसी में छोड़ा 85 हजार क्यूसेक पानी, नदी में उफान; किनारे बसे लोगों को सताने लगी बाढ़ की चिंता
उत्तराखंड के रामनगर बैराज से 85000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कोसी नदी में उफान आ गया है। नदी किनारे बसे लोगों को बाढ़ की आशंका सता रही है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। कोसी नदी में उफान से खेतों में पानी भर गया है और फसलें नष्ट होने का खतरा भी मंडराने लगा है।
संवाद सूत्र, जागरण स्वार (रामपुर)। उत्तराखंड के रामनगर बैराज से 85130 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कोसी नदी में उफान आ गया है। इससे नदी किनारे बसे लोगों को बाढ़ की आशंका सताने लगी है। प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बाढ़ चौकियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
पहाड़ी इलाकों में हुई मूसलाधार वर्षा से उत्तराखंड के रामनगर बैराज का जलस्तर बढ़ गया था। मंगलवार की रात रामनगर बैराज से 85 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इससे कोसी नदी उफान पर आ गई है।
कोसी नदी में उफान आने के साथ ही खेतों में पानी भरने लगा है। नदी किनारे लगी फसलें पानी भर जाने के कारण नष्ट होने की कगार पर हैं। जबकि गन्ने की फसल को फायदा पहुंचा है।
कोसी नदी किनारे बसे लोगों को बाढ़ का भय सताने लगा है। जबकि कोसी नदी के बांध में जगह जगह दरारें पड़ी हुई हैं। सिंचाई विभाग ने बांध की कोई मरम्मत तक नही कराई है, जबकि बरसात का मौसम खत्म होने पर है।कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से किसान अपने पशुओं का चारा भी नही ला सके और कुछ किसान जान जोखिम में डालकर नदी पार करके चारा ला रहे हैं। किसानों को कोसी नदी में पानी बढ़ने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगो को सचेत किया और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। कोसी नदी किनारे गांव सोनकपुर, रसूलपुर, फरीदपुर, बजावाला, पसियापुरा, धनौरी, मिलककाजी आदि गांवों की मस्जिदों से लाउडस्पीकरों से नदी के आसपास न जाने की अपील की गई है। फिलहाल कोसी नदी में नौ हजार क्यूसेक पानी चल रहा है।
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