डीएफओ राजीव कुमार ने बताया कि तेंदुए को बेहोश करने के बाद पकड़कर पिंजरे में रखकर सालारपुर रेंज ले गए हैं। वन विभाग द्वारा 50 गुणा 12 फीट का जाल लगाकर चारों ओर से घेरने के बाद तेंदुआ पकड़ में आया। टीम में डीएफओ राजीव कुमार उप प्रभागीय वन अधिकारी ओमप्रकाश डिप्टी रेंजर केएस भंडारी वन दरोगा शील कुमार कर्मचारी छत्रपाल सिंह अशरफ अली सरवन कुमार आदि मौजूद रहे।
संवाद सूत्र जागरण, टांडा। क्षेत्र के करखेड़ा गांव में वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ लिया। जिले में इस माह यह तीसरा तेंदुआ पकड़ा गया है। इसे पकड़ने के लिए सुबह से ही ग्रामीणों और वन विभाग के कर्मचारियों ने जाल बिछा रखा था। इस दौरान तेंदुए ने हमला कर इंटर कालेज के प्रबंधक को घायल भी कर दिया, लेकिन शाम को पकड़ में आ गया। सुबह सात बजे से शाम करीब पांच बजे तेंदुआ पकड़े जाने तक लोगों में दहशत बनी रही।
खरगोश को पकड़ने के लिए लगाई थी जंजीर
रविवार सुबह सुबह सात बजे गांव करखेड़ा निवासी सचिन और विशाल यादव खेत पर जा रहे थे। उन्होंने किसान जीवन सिंह यादव के गन्ने के खेत में लगी जंजीर में तेंदुआ फंसा देखा। यह जंजीर किसी शिकारी ने गीदड़ व खरगोश को पकड़ने के लिए लगाई थी।
तेंदुआ देख उन्होंने शोर मचाया तो तमाम ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर मौके पर जमा हो गए। भीड़ देख तेंदुआ जंजीर तोड़कर राजेश के धान के खेत में घुस गया। जंजीर तोड़ने के दौरान वह घायल भी हो गया। ग्रामीण अरुण ने करीब आठ बजे डायल 112 को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने के एक घंटे बाद करीब नौ बजे वन विभाग की टीम भी पिंजरा लेकर मौके पर पहुंच गई।
टीम को छकाता रहा तेंदुआ
करीब एक बजे डीएफओ राजीव कुमार तथा पीलीभीत से बेहोश करने वाली टीम भी पहुंच गई। वन विभाग की टीम ने ड्रोन से देखकर उसका चारों ओर से घेराव कर जाल लगाकर पकड़ने का प्रयास किया। इसी बीच भीड़ के शोर मचाने पर तेंदुआ भागते हुए जाल में फंस गया।
उसने जाल से निकलने की कोशिश की और पीछे को भागने लगा। उसके सामने गांव भदगवां थाना भगतपुर निवासी एसबी इंटर कालेज के प्रबंधक मास्टर शकील आ गए। तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया। हमले में शकील का होंठ फट गया। कूल्हे पर भी तेंदुए ने पंजा मारा और फिर से उसी धान के खेत मे घुस गया। दोपहर ढाई बजे नगर पालिका टांडा की स्काई लिफ्ट तथा जेसीबी मंगवाई गई।
शाम 5 बजे जाकर मिली सफलता
स्काई लिफ्ट तथा जेसीबी से ड्रोन निगरानी में फिर से प्रयास किया तो तेंदुआ पास के ब्रिजेश फौजी के गन्ने के खेत में घुस गया। करीब चार बजे वन विभाग की टीम ने करखेड़ा तथा कसिया कुंडा वाले मार्ग के किनारे जाल लगाकर फिर से प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
इसके बाद तेंदुआ नलकूप की नाली में घुसकर बैठ गया। विभाग द्वारा एक और जेसीबी की व्यवस्था की गई। शाम पांच बजे वन विभाग, पुलिस तथा ग्रामीणों की भीड़ ने उसे घेर लिया। इसके बाद तेंदुए को बेहोश कर जाल में फंसा लिया।
डीएफओ राजीव कुमार ने बताया कि तेंदुए को बेहोश करने के बाद पकड़कर पिंजरे में रखकर सालारपुर रेंज ले गए हैं। वन विभाग द्वारा 50 गुणा 12 फीट का जाल लगाकर चारों ओर से घेरने के बाद तेंदुआ पकड़ में आया। वन विभाग की टीम में डीएफओ राजीव कुमार, उप प्रभागीय वन अधिकारी ओमप्रकाश, डिप्टी रेंजर केएस भंडारी, वन दरोगा शील कुमार, कर्मचारी छत्रपाल सिंह, अशरफ अली, सरवन कुमार आदि मौजूद रहे।
तेंदुआ देखने को कई गांव से जुटे लोग
मौके पर गांव करखेड़ी, करखेड़ा, कसियाकुंडा, केशोनगली, आसपास के गांव तथा टांडा भी तेंदुए को देखने को लोगों की भीड़ जमा हो गई। सुबह सात बजे से तेंदुए के पकड़े जाने तक मौके पर रही, जिसे पुलिस को मौके से हटाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई बार भगदड़ भी मच गई, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ।
ग्रामीणों यूनुस अरुण आदि ने बताया कि 15 दिन पहले मरोड़ा वाले मंदिर के पास खेतों में तेंदुए के निशान दिखाई दिए थे, लेकिन दिखाई नहीं दिया। बाद में ग्रामीणों ने भी कोई ध्यान नहीं दिया। अचानक जंजीर में फंसने से तेंदुए का पता लगा। अन्यथा अभी लोगों को इसकी जानकारी ही मिलती।
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