नेपाली युवती के फर्जी प्रमाण पत्र में नया मोड़, अब शादी होने का दावा
जेएनएन, रामपुर : नेपाली युवती का मतांतरण कराने के लिए फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। अब युवती आरोपित फिरोज के बचाव में आ गई है। उसने नेपाल में दोनों की शादी होने का दावा किया है। उसने पुलिस को हिंदू रीति रिवाज से शादी होने के फोटो भी दिखाए हैं। नेपाली युवती की तहरीर पर पुलिस ने मारपीट और छेड़छाड़ करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दोनों को एक जुलाई को हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जनसेवा केंद्र से पकड़कर पुलिस को सौंपा था।
नेपाली युवती जानकी धामी शहजाद नगर के ग्राम मगरमऊ के फिरोज के साथ हिंदू संगठनों ने पकड़ी थी। आरोप था फिरोज ने पास के ही गांव के प्रधान से उसका फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाया था। इसके आधार पर वह युवती का आधार कार्ड बनवाने आया था। पुलिस को फिरोज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उसके प्रमाण पत्र बनवाने में मददगार रिश्तेदार व प्रधान को भी पुलिस ने जेल भेजने की बात कही थी। बीते दिवस नेपाली युवती फिरोज के पिता सलीम व भाई फरीद के साथ कोतवाली पहुंची। उसने पुलिस को लिखित बयान दर्ज कराए। सलीम ने पुलिस को बताया कि वह उनका पुत्र फिरोज अहमद कई वर्षों से नेपाल में रहकर कपड़े सिलने का काम करता था। उसने दो वर्ष पूर्व नेपाल में ही वहां की युवती से दोनों के परिवारों की सहमति पर हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली। बेटे के गले में गांठ हो गई थी, जिसका इलाज कराने के लिए वह पत्नी के साथ यहां आया था।एक जुलाई को दोनों नगर के तीन बत्ती चौराहे पर खड़े थे। हिंदू संगठनों के कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट की और दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया था। बेटे पर युवती का जबरन मतांतरण और फर्जी आधार कार्ड बनवाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी । पुलिस ने फिरोज को जेल भेज दिया। प्रभारी कोतवाल नरेश कुमार ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली है। युवती का कहना है कि उसने मतांतरण कराए बिना ही नेपाल में युवक के साथ शादी की थी। वह आज भी हिंदू है।
जवाब मांगते सवाल
-एक जुलाई को फिरोज व युवती ने शादी करने की बात क्यों नहीं बतायी?
-पुलिस ने युवती व फिरोज से पूछताछ करने का दावा किया था, क्या वह हवाई था?
-प्रधान को फर्जी निवास प्रमाण बनाने पर तलाश करने की बात भी पुलिस ने कही थी? उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?
-फिरोज के स्वजन अब तक कोतवाली पुलिस व अधिकारियों से क्यों नहीं मिले?