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Sanskarshala 2022 : जानें क्या हैं डिजिटल संस्कार, कैसे इनमें लाया जा सकता है सुधार

Rampur Sanskarshala 2022 सर्व संस्कृति स्कूल में दैनिक जागरण की ओर से डिजिटल संस्कारशाला में प्रधानाचार्या ममता बिष्ट ने छात्र-छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी दी। प्रधानाचार्या ने कहा कि तकनीकी दौर में हर क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है।

By Jagran NewsEdited By: Samanvay PandeyUpdated: Tue, 11 Oct 2022 05:34 PM (IST)
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Rampur Sanskarshala 2022 : सर्व संस्कृति स्कूल में संस्कारशाला के तहत बच्चों को कहानी पढ़कर सुनातीं प्रधानाचार्या ममता बिष्ट।जागरण
जागरण संवाददाता, रामपुर। Rampur Sanskarshala 2022 : सर्व संस्कृति स्कूल में दैनिक जागरण की ओर से डिजिटल संस्कारशाला में प्रधानाचार्या ममता बिष्ट ने छात्र-छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी दी। कहा कि तकनीकी दौर में हर क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। आदान-प्रदान को सुगम बनाने में तकनीक की अहम भूमिका है।

अफसोस की बात यह है कि हम तकनीक के जितना करीब जा रहे हैं उतना ही संबंधों से दूर हो रहे हैं। एक ही छत के नीचे रहने के बावजूद हम आभासी दुनिया में खोए रहते हैं। फेसबुक तो कोई वाट्सएप व इंस्टाग्राम पर खोया हुआ है। साथ-साथ रहने के बाद भी माता-पिता, भाई-बहन से दूरी बढ़ती जा रही है। इसके पीछे स्क्रीन टाइम का अनुशासन प्रमुख कारण है।

संबंधों की मिठास बनाए रखने के लिए हमें डिजिटल संस्कार को भी अपनाने जरूरत है। दिन-रात मोबाइल, कंप्यूटर व टीवी में समय बीतने के स्थान पर माता-पिता, भाई-बंधु, दादा-दादी को भी समय देने की आवश्यकता है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप तकनीक से दूर रहे।

तकनीक के इस युग में समय के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए हमें भी यह सभी जानकारी हासिल करनी होगी। आज हम विश्व के किसी कोने में बैठकर अपने से बहुत दूर बैठे किसी व्यक्ति से संवाद कर सकते हैं। हमें किसी विषय पर जानकारी प्राप्त करनी है तो बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होती।

बल्कि अपने फोन या कंप्यूटर पर घर में बैठे-बैठे ही हम अनेक जानकारियां केवल एक क्लिक पर प्राप्त कर सकते हैं। यदि कोई विद्यार्थी अध्ययन करना चाहता है तो उसे बाहर किसी पुस्तकालय में गए बिना ही ई-लाइब्रेरी के माध्यम से घर बैठे ही जानकारी प्राप्त हो सकती है। लेकिन, हम सभी जानते हैं कि किसी भी तकनीक में दोनों पहलू होते हैं।

एक सकारात्मक और एक नकारात्मक। उसी प्रकार इस डिजिटलाइजेशन की जहां फायदे हैं। वहीं, कुछ नुकसान भी होते हैं। इन्ही नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए “स्क्रीन टाइम का अनुशासन” आवश्यक है। इस मौके पर विद्यालय के चेयरमैन विंग कमांडर एचके राय, निदेशक मोहित राय, सुरेंद्र सिंह ग्रोवर, विजय भूषण गर्ग, रामनिवास जैन, अजीत जैन, अनिल जैन आदि मौजूद रहे।

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