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जौहर यूनिवर्सिटी केस में फंसे हैं आजम खान, शिलान्यास में आई थी मुलायम सिंह की पूरी कैबिनेट; पढ़ें पूरा मामला

Jauhar University Rampur सपा महासचिव आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी शुरुआत से सुर्खियों में रही है। इसके शिलान्यास और उद्घाटन में सपा की सत्तासीन पूरी सरकार आई थी। सपा सरकारों में हजारों मजदूरों ने दिन-रात काम कर विशाल भवन को खड़ा कर दिया। हालांकि भाजपा सरकार आते ही यूनिवर्सिटी विवादों में घिरती चली गई। आजम पर अधिकांश मुकदमे भी इसी से जुड़े हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 14 Sep 2023 01:13 PM (IST)
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जौहर यूनिवर्सिटी केस में फंसे हैं आजम खान, शिलान्यास में आई थी मुलायम सिंह की पूरी कैबिनेट; पढ़ें पूरा मामला

मुस्लेमीन, मुरादाबाद: सपा महासचिव आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी शुरुआत से सुर्खियों में रही है। इसके शिलान्यास और उद्घाटन में सपा की सत्तासीन पूरी सरकार आई थी। सपा सरकारों में हजारों मजदूरों ने दिन-रात काम कर विशाल भवन को खड़ा कर दिया।

हालांकि, भाजपा सरकार आते ही यूनिवर्सिटी विवादों में घिरती चली गई। आजम पर अधिकांश मुकदमे भी इसी से जुड़े हैं। 26 मुकदमे किसानों ने जमीन कब्जाने के ही दर्ज कराए हैं। मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट का पंजीकरण 1995 में करा लिया गया था। इसके अधीन मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की नींव मुलायम सरकार में 18 सितंबर, 2005 को रखी गई।

पूरी कैबिनेट के साथ रामपुर आए थे मुलायम सिंह यादव

अपनी पूरी कैबिनेट के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह रामपुर आए थे। उनका ऐतिहासिक स्वागत भी किया गया। सरकार के कार्यकाल (2007) में भवन बनाने का काम तेजी से चला, लेकिन बसपा सरकार आने पर निर्माण कार्य धीमा पड़ गया।

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हालांकि सपा सरकार में तैयार भवन में ही दोबारा अपनी पार्टी की सरकार आने पर 18 सितबंर,2012 को कराया गया। इसमें तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव अपनी पूरी कैबिनेट के साथ आए थे। इसके बाद ही यूनिवर्सिटी को विस्तार दिया गया।

सपा सरकार में आजम की हनक का ही परिणाम था कि यहां होने वाले कार्यक्रमों में प्रदेशभर के नामी उद्योगपति नजर आते थे। राजनीतिक हस्तियों का तो अक्सर आना-जाना रहता था। स्थिति यह थी कि हजारों की तादाद में मजदूर इसी यूनिवर्सिटी में रहकर रात-दिन काम करते थे।

1500 बीघा जमीन में बनी इस यूनिवर्सिटी में कई विशाल भवन तैयार किए गए हैं। 2015 में ही श्रम विभाग की ओर से एक शिकायत पर यूनिवर्सिटी को लेबर सेस जमा करने के लिए नोटिस जारी किया गया था। तब यूनिवर्सिटी के भवनों की कीमत दो हजार करोड़ आंकी गई थी।

यूनिवर्सिटी में 38 इमारतों के साथ ही चारदीवारी का आकलन किया गया। इसके बाद मेडिकल कॉलेज का भवन भी तैयार कराया गया है।

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हालांकि भाजपा सरकार में आजम खान ने आकलन पर आपत्ति की, फिर कीमत सिर्फ 147.20 करोड़ रह गई। इसका लेबर सेस एक करोड़ 36 लाख 37 हजार आंका गया। सेस जमा न करने पर यूनिवर्सिटी की इमारतें कुर्क कर ली गई थीं। बाद में यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा। तब यूनिवर्सिटी ने सेस की रकम जमा कर दी। हालांकि इस आंकलन को गलत बताकर शिकायत भी की गई है।

होती है 25 कोर्स की पढ़ाई

यूनिवर्सिटी में 25 कोर्स की पढ़ाई कराई जाती है। इनमें बीए, बीएससी, बीटेक, बीफार्मा, बीकाम, बीलिब, एलएलबी, बीए एलएलबी, बीएमसी, बीएड, बीसीए, बीबीए, एमबीए, एमएससी, एमए, एमटेक, एमएएम, एमकाम, एलएलबी, एमसीए, डी फार्मा की पढ़ाई होती है। सभी कोर्सेज के लिए अलग-अलग विशाल भवन बने हैं।

मुकदमों में फंसे आजम

आजम खां के खिलाफ 84 मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन हैं। तीन में सजा हो चुकी है। वह सवा दो साल जेल में भी रहे। ईडी ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। आजम के अलावा उनके स्वजन पर भी मुकदमे विचाराधाीन है। उनकी पत्नी पूर्व राज्यसभा सदस्य तजीन फात्मा पर 34, बेटे अब्दुल्ला आजम पर 43, बड़े बेटे अदीब आजम पर 31 मुकदमे दर्ज हैं।

बोले विधायक, सच्चाई आएगी सामने

जौहर यूनिवर्सिटी में घपले की शिकायत करने वाले शहर विधायक आकाश सक्सेना का कहना है कि जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी। रामपुर की जनता को भी पता चल जाएगा कि इतनी बड़ी रकम कहां से आई। उनका आरोप है कि विभिन्न स्रोतों से रकम लेकर यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया है। इसके लिए रामपुर की गरीब जनता का भी शोषण किया गया है। विधायक कोर्ट में आजम परिवार के खिलाफ विचाराधीन कई मुकदमों में वादी भी हैं।