जागरण संवाददाता, रामपुर। तीन लाख रुपये उधार के न लौटाने के लिए अपने ही दोस्त की हत्या करने के दोषी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हत्या का यह मामला छह साल पहले का है। आरोपी को जब तीन लाख रुपये उधार के नहीं मिले थे तो उसने सारी हदें पार करते हुए अपने दोस्त की निर्मम हत्या कर दी थी। हत्या के बाद मृतक के घर में कोहराम मच गया था। अब कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई है।
थाना टांडा के ग्राम चौखंडी निवासी मोहम्मद रफी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि 20 अप्रैल 2018 की सुबह उनके भाई सद्दाम की लाश रजपुरा डैम वाली नहर की पुलिया के नीचे मिली थी। कहना था कि उनके भाई की हत्या तेलीपुरा गांव के प्रीतम सिंह उर्फ रामू ने की थी। दोनों दोस्त थे। उनका भाई खेती के संबंध में प्रीतम के पास जाता था।
रिश्तेदारों से दिलाए थे तीन लाख रुपये
प्रीतम को उसकी जरूरत पर भाई ने अपने व रिश्तेदारों के पास से तीन लाख रुपये उधार दिलाए थे। काफी समय बीतने के बाद भी प्रीतम उस रकम को लौटा नहीं रहा था। भाई के बार-बार दबाव बनाने पर उसने हत्या की योजना बनाई। योजना के मुताबिक वह उनके भाई को घर से बुलाकर ले गया था। गांव के एक व्यक्ति ने रात में दोनों को पुलिया के पास बात करते हुए देखा था।
रात में घर नहीं आया भाई, सुबह मिली थी लाश
भाई के रात में घर न आने पर उनका बेटा तेलीपुरा गांव प्रीतम के घर गया था, लेकिन उन्होंने घर का दरवाजा नहीं खोला और न ही कोई जानकारी दी। इस पर वह लौट आया था। सुबह भाई की लाश मिली थी। पुलिस ने विवेचना के बाद प्रीतम के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे। मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उसे निर्दोष बताया।
अभियोजन की ओर से घटना के समर्थन में सात गवाह और कई साक्ष्य पेश किए गए। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमोद सागर का कहना था कि गवाहों और साक्ष्यों ने घटना को साबित किया है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या दो पीएन पाण्डेय ने प्रीतम को सद्दाम की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 28 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
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