Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Darul Uloom: गजवा ए हिंद’ को लेकर दिए फतवा पर घिरा दारुल उलूम देवबंद; राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने लिया एक्शन, होगी एफआइआर दर्ज

Darul Uloom Fatwa News दारुल उलूम देवबंद एक मदरसा होने के साथ-साथ देश में मदरसों को संचालित करने वाली सबसे बड़ी इस्लामिक संस्था है और भारत पाकिस्तान व बांग्लादेश में इससे संबंद्ध मदरसे संचालित हैं जिनमें लाखों बच्चे अध्ययनरत हैं। दारुल उलूम देवबंद ने अपनी वेबसाईट के माध्यम से एक फतवा जारी किया है जिसमें गजवा ए हिंद को इस्लामिक दृष्टिकोण से वैध बताते हुए महिमामंडित किया गया है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Thu, 22 Feb 2024 12:35 PM (IST)
Hero Image
गजवा ए हिंद’ को लेकर दिए फतवे पर घिरा दारुल उलूम देवबंद, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने लिया एक्शन

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण केंद्र दारुल उलूम देवबंद गजवा ए हिंद (भारत पर आक्रमण) को महिमामंडित करने वाले अपने फतवे को लेकर चर्चाओं में है। इस्लामिक संस्था ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से ये फतवा दिया है। इसे लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने इस फतवे को देश विरोधी बताते हुए सहारनपुर डीएम और एसएसपी से एफआइआर दर्ज कराने को कहा है।

दरअसल, किसी शख्स ने दारुल उलूम देवबंद से गजवा ए हिंद के संबंध में जानकारी मांगी थी। पूछा था कि क्या हदीस में इसका कोई जिक्र है? दारुल उलूम देवबंद ने इसके जवाब संख्या 9604 में साहिहसीता की पुस्तक सुन्नन अल-नसाई का हवाला देते हुए कहा कि इसमें गजवा ए हिंद को लेकर एक पूरा चैप्टर है।

फतवे में कहा गया

इसमें हजरत अबू हुरैरा (पैगंबर मोहम्मद साहब के करीबी रहे) से एक हदीस सुनाई गई है। इसमें उन्होंने गजवा ए हिंद पर कहा कि मैं इसमें लडूंगा और अपनी सभी धन संपदा को इसमें कुर्बान कर दूंगा। मर गया तो महान बलिदानी बनूंगा। जिंदा रहा तो गाजी कहलाऊंगा। हजरत मोहम्मद साहब ने इस संबंध में भविष्यवाणी भी की थी। फतवे में किताब को प्रिंट करने वाली कंपनी का भी नाम है।

ये भी पढ़ेंः Leopard In Sambhal: घर में घुसा तेंदुआ, महिलाओं ने कमरे में बंद होकर बचाई जान, तीन घंटे की दहशत के बाद मिली राहत, सीओ घायल

बाल संरक्षण आयोग ने देश विरोधी बताया

दारुल उलूम के इस फतवे के बाद बाल संरक्षण आयोग ने इसे देश विरोधी बताया। कहा कि इसमें गजवा ए हिंद को इस्लामिक दृष्टिकोण से वैध बताते हुए महिमामंडित किया गया है। ऐसे में सहारनपुर जिला प्रशासन को इसका गंभीरता से संज्ञान लेते हुए इस मामले में एफआइआर दर्ज करनी चाहिए। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस संबंध में सहारनपुर डीएम और एसएसपी को पत्र भेजा है। 

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर