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Darul Uloom: दारुल उलूम ने महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटाई, लेकिन रखी ये शर्ते; फोटो शूट अब भी बैन

दारुल उलूम ने महिलाओं के संस्था में प्रवेश पर लगाई गई रोक को वापस ले लिया है। अब महिलाएं दारुल उलूम घूमने आ सकेंगी लेकिन इसके लिए उन्हें प्रबंधन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना होगा। इन नियमों में पास बनवाना पूरा पर्दा करना और महरम का साथ होना शामिल है। फोटो खींचने और वीडियो शूट करने की अनुमति नहीं होगी।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 21 Oct 2024 02:58 PM (IST)
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दारुल उलूम की प्रतीकात्मक तस्वीर का उपयोग किया गया है।

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। दारुल उलूम ने महिलाओं के संस्था में प्रवेश पर रोक लगाने संबंधी अपने आदेश को वापस ले लिया है। अब महिलाएं दारुल उलूम घूमने आ सकेंगी, लेकिन इसके लिए उन्हें प्रबंधन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना होगा।

इन नियमों के तहत दारुल उलूम भ्रमण को पास बनवाना होगा। महिलाओं व युवतियों का पूरी तरह पर्दे में रहना और उनके साथ महरम (अभिभावक, पति या कोई ऐसा पारिवारिक सदस्य जिससे पर्दा न हो) का होना जरूरी होगा। साथ ही संस्था में फोटो खींचने और वीडियो शूट करने की इजाजत नहीं होगी। अगले सप्ताह से यह व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी।

बाहरी महिलाओं पर लगाया था प्रतिबंध

गत मई माह में दारुल उलूम प्रबंधन ने संस्था में शिक्षण कार्य के दौरान बाहरी महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। क्योंकि बाहर से संस्था में भ्रमण को आने वाली महिलाएं जहां बेपर्दा घूम रही थीं, वहीं संस्था की ऐतिहासिक इमारतों के सामने बिना हिजाब फोटो भी ले रही थीं। साथ ही रील बनाकर और इस पर गाने की एडिटिंग कर इन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा था। इससे संस्था को फजीहत झेलनी पड़ रही थी। इसके चलते संस्था ने महिलाओं के संस्था में प्रवेश पर रोक लगा दी थी।

हिजाब में महिला।

अकीदत के साथ आने वाली महिलाएं मायूस होकर लौटी थीं

पिछले पांच माह से अकीदत के साथ संस्था आने वाली महिलाओं को प्रवेश नहीं दिए जाने पर उन्हें मायूस लौटना पड़ रहा था। बाहर से आने वाले लोग लगातार इस बात को लेकर प्रबंधतंत्र से मांग कर रहे थे कि नियमों में ढील दी जाए। इसके बाद प्रबंधतंत्र ने अपने रुख को नरम किया।

दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि दारुल उलूम भ्रमण के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन जरूरी होगा।  

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सोशल मीडिया पर छिड़ी थी बहस

संस्था में कुछ स्थानों पर महिलाओं के आने जाने पर पहले से ही मनाही है। शोर शराबे से जहां बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है। इसलिए इस निर्णय को सख्ती से लागू किया गया। दारुल उलूम में महिलाओं के प्रवेश को लेकर काफी बहस छिड़ी हुई थी। कुछ लोगों ने सवाल करते हुए पूछा था कि संस्था में बहुत से शिक्षक अपने परिवारों के साथ परिसर में बने भवनों में रहते हैं, तो क्या उनके लिए भी यह पाबंदी लागू होगी? हालांकि प्रबंधतंत्र का कहना है कि संस्था में परिवार के साथ रहने वाली महिलाओं पर किसी तरह की रोक नहीं है।

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