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इच्छाओं का त्याग करना ही उत्तम संयम धर्म

दशलक्षण पर्व के छठे दिन बताया गया कि सुगंध दशमी का पर्व वातावरण को शुद्ध करने के लिए तथा विश्व शान्ति की भावना के साथ मनाया जाता है। अग्नि मे धूप दहन करके कोरोना महामारी के विश्व से खत्म होने की प्रार्थना की गई।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 28 Aug 2020 11:25 PM (IST)
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इच्छाओं का त्याग करना ही उत्तम संयम धर्म

सहारनपुर जेएनएन। दशलक्षण पर्व के छठे दिन बताया गया कि सुगंध दशमी का पर्व वातावरण को शुद्ध करने के लिए तथा विश्व शान्ति की भावना के साथ मनाया जाता है। अग्नि मे धूप दहन करके कोरोना महामारी के विश्व से खत्म होने की प्रार्थना की गई।

महिलाओं व लड़कियों ने उपवास रखा। इस बार के दशलक्षण पर्व पर पूजा मंदिर मे न करके सभी लोग अपने घरो मे कर रहे हैं। सुबह मंदिर जी में श्रीजी की प्रतिमा का अभिषेक पूजन प्रक्षाल की गई तत्पश्चात श्रीजी की शांतिधारा की गई। देव पूजा, शीतलनाथ पूजा, सोलहकाण पूजा, पंचमेरू पूजा, दशलक्षण पर्व पूजा, उत्तम संयम धर्म की पूजा श्रद्धालुओं ने अपने घरों में की। आनलाइन प्रवचन देते हुए संदीप शास्त्री कहा कि दशलक्षण धर्म का छठवां धर्म उत्तम संयम धर्म है, हमें अपने जीवन को संयमित बनाना चाहिए जो व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर संयम रखता है, उसका जीवन सफल हो जाता है। संयम ही जीवन का श्रृंगार है। धरती पर संत साधुओं ने संयम को धारण किया है और अपने वीतरागी स्वरुप मे रह कर जैनागम का मान बढ़ाया है। इस दौरान पुष्पेंद्र जैन, उमा जैन, नीरज जैन, दिव्या जैन आदि मौजूद रहे।

संवाद सूत्र अंबेहटा : नगर के श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में महिलाओं व पुरुषों ने विशेष पूजा- अर्चना की। शुक्रवार को दशलक्षण पर्व के सातवें दिन मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद वरिष्ठ समाजसेवी अखिलेश जैन ने उत्तम तप धर्म पर विस्तृत रूप से जानकारी देते हुये बताया कि इच्छाओं का त्याग करना ही तप है। जिस प्रकार सोने को तपाने पर वह समस्त मैल छोड़ कर शुद्ध हो जाता है और चमकने लगता है तथा जिस प्रकार सरोवर में रुका (जमा) हुआ जल, सूरज की गर्मी में तपने के कारण सूखकर उड़ जाता है, उसी प्रकार सांसारिक विषय-भोगों की अभिलाषा से विरक्त होकर अनादि कर्म बंध से सिद्ध-स्वरुप निर्मल आत्मा को अनशनादि बारह प्रकार के तप से तपाकर कर्म-मल रहित करना ही उत्तम तप है।

इस अवसर पर विरेन्द्र जैन, अंकित जैन, संजीव जैन, अखिलेश जैन, सुशीला जैन, सीमा जैन, रितिका जैन, चारू जैन, सुमन जैन, मनीष जैन,

मनोज जैन, हर्ष जैन, राहुल जैन, योगेश जैन, अभिषेक जैन आदि मौजूद रहे। ---इनसेट---

-छठे दिन मना सुगंध दशमी पर्व

संवाद सहयोगी, देवबंद : नगर के भगवान पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर बाहरा में सुगंध दशमी पर्व के उपलक्ष्य में हुए कार्यक्रम का शुभारंभ सुगंध दशमी की कथा के साथ हुआ। श्री दिगंबर जैन मंदिर सरागवाड़ा, मंदिर जी कानूनगोयान और मंदिर जी नेचलगढ़ में श्रद्धालुओं ने अष्टकर्मों के नाश को हवन कुंड में निर्वाण कांड पढ़कर आहूति दी। इस दौरान प्रदीप शास्त्री पीयूष ने कहा कि दशलक्षण पर्व का छठा दिन लोगों को अपनी इंद्रियों को वश में कर संयम से रहने की शिक्षा देता है। उन्होंने कहा कि संयम से जीवन व्यतीत करने वाला प्राणी हमेशा सुखी रहता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को जैन ग्रंथों के अनुसार दशलक्षण से अवगत कराकर जीवन जीने की कला सिखाई गई है।

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