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Saharanpur News: टैक्स चोरी के मामले में ED ने डिस्टलरी की 7.31 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की

सहारनपुर की टपरी गांव स्थित कोआपरेटिव कंपनी लि. (सीसीएल) डिस्टलरी में टैक्स चोरी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 7 करोड़ 31 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की है। इस डिस्टलरी में मिलीभगत कर करोड़ों का राजस्व चोरी किया गया था। जब्त की गई भूमि सहारनपुर के ही युसुफपुर मुस्तकम गांव में है। ईडी इससे पहले 27 करोड़ 42 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है।

By Kapil Kumar Kumar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 28 Sep 2024 02:02 PM (IST)
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Saharanpur News: युसुफपुर मुस्तकम गांव में है जब्त की गई कृषि भूमि। सांकेतिक फोटो।
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। टैक्स चोरी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने टपरी गांव स्थित कोआपरेटिव कंपनी लि. (सीसीएल) डिस्टलरी की सात करोड़ 31 लाख रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। इस डिस्टलरी में मिलीभगत कर करोड़ों का राजस्व चोरी किया गया था।

जब्त की गई भूमि सहारनपुर के ही युसुफपुर मुस्तकम गांव में है। ईडी इससे पहले 27 करोड़ 42 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है।

राजस्व चोरी की मिली थी शिकायत

एसटीएफ को वर्ष 2021 में टपरी स्थित सीसीएल डिस्टलरी में राजस्व चोरी करने की शिकायत मिली थी। एसटीएफ के छापे में संचालक और कर्मचारी फैक्ट्री से भाग निकले थे। इसके बाद फैक्ट्री के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। जांच में पता चला था कि फैक्ट्री के अधिकारी, आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की जा रही थी। इसमें कई ट्रांसपोर्टर भी मिले हुए थे। इसके बाद ही ईडी ने भी जांच शुरू की थी।

औद्याेगिक इस्तेमाल की दी मंजूरी

डिस्टलरी की 3:35 हेक्टेयर की यह कृषि भूमि गांव यूसुफपुर मुस्तकम गांव में है। इसे औद्योगिक इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई थी। इसकी कीमत 7.31 करोड़ रुपये है। ईडी ने एसटीएफ की ओर से दर्ज दो एफआईआर के आधार पर इस मामले में जांच शुरू की थी। इस फैक्ट्री पर अवैध तरीके से शराब की बिक्री करने का आरोप है। इसमें फैक्ट्री सीसीएल के निदेशक व कर्मचारी नामजद हुए थे। इस खेल में सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ था। अब तक 34 करोड़ 73 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

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यह था मामला

कंपनी ने फर्जी बार कोड लगाकर फैक्ट्री में अवैध रूप से निर्मित शराब की आपूर्ति बाजार में की थी। इसके बाद पुलिस ने कंपनी के निदेशकों सहित इसमें शामिल कर्मचारियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। ईडी ने पुलिस द्वारा दर्ज मामले को ही आधार बनाकर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपनी जांच शुरू की थी। 29 जुलाई 2021 को ईडी की टीमों ने कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रणय अनेजा के दिल्ली स्थित आवास व ओखला इंडस्ट्रियल एरिया स्थित कंपनी के कॉरपोरेट आफिस सहित छह ठिकानों पर छापेमारी कर कई दस्तावेज और 11 लाख रुपये बरामद किए थे।

ईडी की जांच में पता चला कि सीसीएल के अधिकारियों ने सीएल-2 गोदाम मालिकों के साथ मिलीभगत कर एक ही गेट पास पर अवैध रूप से निर्मित देशी शराब की आपूर्ति के लिए फर्जी बारकोड और क्यूआर कोड बनाने की साजिश की थी। साथ ही बिना किसी कागजी कार्रवाई के विभिन्न शराब की दुकानों को शराब की आपूर्ति की थी।

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