Saharanpur News: रौद्र रूप में यमुना, किनारे के गांवों और शहर में बाढ़ जैसे हालात, लोगों को सुरक्षित निकाला
Saharanpur News In Hindi तीन दिन से हो रही बारिश से बढ़ी परेशानी। गंगोह नकुड़ सरसावा में यमुना किनारे बसे करीब 40 गांवों में घुसा पानी। रेलवे ट्रैक पर पानी भरने से 12 ट्रेनों को रोका गया यात्रियों को हुई परेशानी। किसानों की धान की फसल को फायदा सब्जी बर्बाद। घरों में पानी घुसने से लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। पिछले तीन दिन से लगातार हो रही बरसात अब लोगों के लिए आफत बनती जा रही है। भले ही धान, गन्ने की फसल को फायदा हो रहा है, लेकिन आमजन का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बड़ी संख्या में लोग घर से बेघर हो गए हैं। सहारनपुर जिले के नकुड़, गंगोह, सरसावा में यमुना किनारे बसे करीब 40 गांवों में यमुना का पानी भर गया है। ग्रामीण पशुओं के लिए चारा तक खेतों से लानो में असमर्थ दिख रहे हैं। इसके अलावा शहर की एक दर्जन से अधिक कालोनियों में पानी भर गया है। लोगों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला जा रहा है।
शिवालिक की पहाड़ियों पर बरसात से बुरे हालात
जिले में छह राहत कैंप बनाए गए है। जहां पर रहने और खाने-पीने की जिला प्रशासन ने व्यवस्था की है। शिवालिक की पहाड़ियों में और सहारनपुर में लगातार हो रही बरसात के कारण यह हालात बने हैं। शहर में ढमोला नदी में पानी अधिक आने से साकेत कालोनी, गंगापुरम, कृष्णापुरम, नुमाईश कैंप, देवपुरम, बृजेशनगर, पंजाबी बाग, आनंदपुरी गोशाला रोड, स्वतंत्र नगरी, खानआलमपुरा, नवीननगर कालोनियों में घरों में पानी घुस गया है। करीब 50 से अधिक परिवारों को कालोनियों से रेस्क्यू करके बाहर निकाला गया है।
करीब 250 लोगों को पानी में डूबने से बचाया
एडीएम एफ रजनीश कुमार मिश्र ने बताया कि सोमवार को अलग अलग कई कालोनी से 200 से 250 लोगों को रेस्क्यू करके पानी में डूबने से बचाया गया है। इन लोगों के घर में रखे सामान तबाह हो गए है। इसके अलावा देवबंद, बेहट, मिर्जापुर, सरसावा, नकुड़, गंगोह, रामपुर मनिहारान, पठेड़, बिहारीगढ़ आदि स्थानों पर भी बरसात के कारण भारी नुकसान है। वहीं, रेलवे ट्रैक पर पानी भरने के कारण 12 ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा है।
प्रशासन ने छह राहत शिविर बनाए
जिला प्रशासन ने बनाए छह राहत कैंप एडीएम-एफ रजनीश कुमार मिश्र ने बताया कि जिला प्रशासन ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए छह राहत शिविर कैंप बनाए हैं। इन कैपों में उन लोगों को रखा जा रहा है, जिनके घरों में पानी घुस गया है। यहां पर खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की गई है। वहीं, बाढ़ से निपटने के लिए जिले में तीन फ्लड कंपनियों की तैनाती की गई है। कई कालोनियों में लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए है। वह न तो अपने काम पर जा पा रहे हैं और न ही कुछ अन्य काम कर पा रहे हैं।