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'पुरुषों वाले पार्लर में महिलाओं का मेकअप कराना हराम' ब्यूटी पार्लर में आइब्रो बनवाने पर पति के तलाक वाले मामले में बोले देवबंदी आलिम

असद कासमी का कहना है कि मुस्लिम महिलाओं को उन ब्यूटी पार्लर व सैलून में जाने से बचना चाहिए जहां पुरुष काम करते हों। उन्‍होंने कहा क‍ि यदि महिलाएं पुरुषों के ब्यूटी पार्लर में जाकर मेकअप आदि कराती है तो यह इस्लाम में हराम है। उन्होंने महिलाओं को सलाह देते हुए कहा कि महिलाओं को ऐसे प्रतिष्ठान का ही चयन करना चाहिए जहां केवल महिला कर्मचारी कार्य करती हों।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Fri, 17 Nov 2023 08:51 PM (IST)
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देवबंदी आलिम का कहना है कि महिलाओं का उन ब्यूटी पार्लर में जाना हराम है, जहां पुरुष काम करते हों।
संवाद सहयोगी, देवबंद। ब्यूटी पार्लर में जाकर मुस्लिम महिलाओं द्वारा मेकअप किए जाने के मामले में देवबंदी आलिम का कहना है कि महिलाओं का उन ब्यूटी पार्लर में जाना हराम है, जहां पुरुष काम करते हों।

दरअसल, कानपुर की एक महिला को ब्यूटी पार्लर में भौहे बनवाने पर पति ने तलाक दे दिया था। पति का तर्क था कि मुस्लिम महिलाओं का ब्यूटी पार्लर में जाना जायज नहीं है। इस मामले में महिला ने पति के खिलाफ पुलिस को तहरीर भी दी थी। उधर, इस मामले में मदरसा जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि मुस्लिम महिलाओं को उन ब्यूटी पार्लर व सैलून में जाने से बचना चाहिए, जहां पुरुष काम करते हों।

पुरुषों वाले पार्लर में महिलाओं का मेकअप कराना हराम

उन्‍होंने कहा क‍ि यदि महिलाएं पुरुषों के ब्यूटी पार्लर में जाकर मेकअप आदि कराती है तो यह इस्लाम में हराम है। उन्होंने महिलाओं को सलाह देते हुए कहा कि महिलाओं को ऐसे प्रतिष्ठान का ही चयन करना चाहिए, जहां केवल महिला कर्मचारी कार्य करती हों।

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