काजी रशीद मसूद की रस्म पगड़ी पर देवबंदी आलिम खफा
पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रशीद मसूद के निधन के बाद हिदू समाज द्वारा रस्म पगड़ी के आयोजन पर देवबंद के आलिम मुफ्ती असद कासमी ने एतराज जताया है। उनका कहना है कि यह परंपरा इस्लाम के खिलाफ है।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 13 Oct 2020 05:08 AM (IST)
सहारनपुर जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री काजी रशीद मसूद के निधन के बाद हिदू समाज द्वारा रस्म पगड़ी के आयोजन पर देवबंद के आलिम मुफ्ती असद कासमी ने एतराज जताया है। उनका कहना है कि यह परंपरा इस्लाम के खिलाफ है।
नौ बार सांसद और हिदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहे काजी रशीद मसूद का पांच अक्टूबर को निधन हो गया था। रविवार को गांव बिलासपुर में हिदू समाज ने उनकी रस्म पगड़ी का आयोजन किया। हिदू रीति रिवाज के अनुसार मंत्रोच्चार के बीच उनके पुत्र शाजान मसूद को पगड़ी पहनाई गई। इस दौरान काजी रशीद मसूद के भतीजे और पूर्व विधायक इमरान मसूद व कई कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। जामिया शेखुल हिद के मोहतमिम मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि घर के किसी बड़े को चुनना या पगड़ी बांधना बुरी बात नहीं है, लेकिन यह इस्लामिक रीति-रिवाजों से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो में हिदू समाज द्वारा आयोजित रस्म तेरहवीं में मंत्रोच्चार के बीच पगड़ी पहनाया जाना इस्लाम के खिलाफ है। इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता। उनके परिवार और अल्लाह के बीच का मसला: इमरान पूर्व कांग्रेस विधायक तथा मरहूम रशीद मसूद के भतीजे इमरान मसूद ने कहा कि हिदू समाज द्वारा आयोजित रस्म पगड़ी तथा शोकसभा पर सवाल उठाने वालों के तर्क से वह सहमत नहीं हैं। यह उनके परिवार तथा अल्लाह के बीच का मसला है, इसमें किसी को भी प्रमाण-पत्र देने का अधिकार नहीं है। नोमान मसूद ने कहा कि मास्टर रतन लाल ने उनके पिता के निधन पर भी शोकसभा की थी।
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वह इस परिवार से करीब 50 साल से जुड़े हुए हैं। काजी रशीद मसूद मेरे मुंहबोले भाई थे। इसके चलते इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
-मा. रतन लाल निवासी बिलासपुर रस्म पगड़ी के आयोजक --- अगर हिदू समाज ने काजी रशीद मसूद की रस्म पगड़ी का आयोजन कर उन्हें सम्मान दिया है तो मुझे नहीं लगता इसमें कोई विरोध वाली कोई बात है। किसी को भी इस पर दिक्कत नहीं होनी चाहिए। -राघव लखनपाल पूर्व सांसद
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