ओवैसी पर महमूद मदनी के बयान से मचा घमासान, अब दारुल उलूम ने जताई असहमति; शूरा सदस्यता रद्द करने की उठी मांग
मौलाना महमूद मदनी के असदुद्दीन ओवैसी पर दिए बयान से घमासान मचा हुआ है। दारुल उलूम ने मदनी के बयान से असहमति जताई है। उधर दूसरी ओर सोशल मीडिया पर महमूद मदनी की शूरा सदस्यता रद्द करने की मांग उठ रही है। मदनी के बयान को लेकर मुफ्ती इस्माइल ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा- महमूद मदनी की नादानी के चलते जमीयत दो धड़ों में बंटकर कमजोर हो गई है।
जागरण संवाददाता, देवबंद (सहारनपुर)। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर दिए बयान को लेकर घमासान मचा है। बयान के बाद मदनी उलमा के निशाने पर हैं। दारुल उलूम ने मदनी के बयान से असहमति जताई है। मुस्लिम जगत में इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं हैं।
महमूद मदनी ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी बांटने की राजनीति करते हैं और उनकी सभाओं में तालियां बजाने वाले लोग पागल हैं। यह बयान इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुआ।
सदस्यता रद्द करने की मांग
महमूद मदनी के दारुल उलूम की सुप्रीम पावर कमेटी मजलिस-ए-शूरा का सदस्य होने के चलते लोगों ने दारुल उलूम से संपर्क साधा और मदनी के बयान पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दीं। कुछ लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर पत्र लिखकर महमूद मदनी की शूरा सदस्यता रद्द करने की भी मांग रखी।विवाद बढ़ता देख शुक्रवार शाम दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी की एक आडियो जारी हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि वह महमूद मदनी के बात करने के तरीके से सहमत नहीं हैं। किसी के नजरिए का विरोध तो हो सकता है, लेकिन विरोध के लिए भी सही शब्दों का चयन जरूरी है। महमूद मदनी के विरोध का तरीका ठीक नहीं है।
नौमानी ने यह भी कहा कि हर बात पर राय का इजहार जरूरी नहीं। राय देनी हो तो सभ्य तरीके से दी जानी चाहिए। महमूद मदनी ने कई साल पहले एक बयान में कहा था कि असदुद्दीन ओवैसी को हैदराबाद तक ही सीमित रहना चाहिए। यह बयान भी चर्चाओं में रहा था।
महमूद मदनी का बयान गलत
मुफ्ती इस्माइलमहमूद मदनी के बयान को लेकर दारुल उलूम के शूरा सदस्य और महाराष्ट्र में मालेगांव से एआइएमआइएम के विधायक मुफ्ती इस्माइल ने कहा कि महमूद मदनी का बयान गलत है। मुसलमान के लिए महमूद मदनी कभी नहीं बोलते, जबकि असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों के हक में बोलते हैं। महमूद मदनी की नादानी के चलते जमीयत दो धड़ों में बंटकर कमजोर हो गई है।
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