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खत्म होगा अवैध कॉलोनियों का मायाजाल; दो हजार एकड़ में आवास विकास की नई योजना, लैंड पूलिंग के तहत ली जाएगी जमीन

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद दो हजार एकड़ पर भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना की तैयारी कर रहा है। सिविल टर्मिनल व विश्वविद्यालय के आसपास भूमि की तलाश की जा रही है। लैंड पूलिंग योजना के अंतर्गत किसानों से यह भूमि ली जाएगी। किसान इन प्लाट को स्वेच्छा से बेच सकेंगे। लोगों को उचित दर पर खुले स्थान पर प्लाट और आवास सुलभ कराए जा सकेंगे।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 01 Oct 2024 01:05 PM (IST)
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आवास विकास कॉलोनी स्थित आवास विकास परिषद कार्यालय। जागरण
संजीव गुप्ता, सहारनपुर। अपना सहारनपुर विकास की दिशा में ऊंची छलांग लगाने की तैयारी कर रहा है। सरसावा के सिविल टर्मिनल और मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय के साथ ही फोरलेन के आसपास के क्षेत्रों को इसके लिए उपयुक्त माना जा रहा है। इन क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद दो हजार एकड़ पर भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना की तैयारी कर रहा है।

अवैध कॉलोनियों के मायाजाल को खत्म करने में आवास विकास की इस योजना के परवान चढ़ने पर करारी चोट हो सकेगी। तेजी से विकास की ओर पंख फैला रहे सहारनपुर महानगर में पिछले पांच वर्षों के दौरान यहां मां शाकुंभरी विश्वविद्यालय का पुवांरका में संचालन शुरू हुआ। विश्वविद्यालय भवन के प्रथम चरण का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।

फोरलेन का चल रहा है काम

दिल्ली रोड से बेहट रोड तक 19 किमी फोरलेन बाईपास का निर्माण प्रगति पर है, जबकि दिल्ली रोड से टपरी-नागल रोड तक नौ किमी के मिनी बाईपास पर वाहन फर्राटा भर रहे है। बेहट रोड से पुवांरका को जोड़ते हुए हरोड़ा तक एक्सप्रेस-वे को जोड़ने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा 450 करोड़ का प्रस्ताव लखनऊ मुख्यालय को भेजा गया है। सरसावा में सिविल टर्मिनल का काम पूरा हो चुका है, यहां से जल्द ही हवाई उड़ान शुरू होने की संभावना है।

भूमि की तलाश कर दी तेज

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद द्वारा दो हजार एकड़ भूमि की तलाश तेज कर दी गई है। यह भूमि सिविल टर्मिनल, मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय के अलावा फोरलेन के आसपास तलाश की जा रही है। आवास विकास परिषद लखनऊ के अधिकारी यहां कई स्थलों पर भूमि का एरिया देख चुके हैं।

नियोजित विकास की दिशा में आवास विकास की भूमि विकास एवं गृह स्थान योजना मील का पत्थर साबित हो सकेगी। यह भूमि परिषद द्वारा किसानों से लैंड पूलिंग के आधार पर ली जाएगी, इसमें आवास विकास किसानों से भूमि लेकर उसे नियोजित विकास के रूप में सड़क, पानी निकासी, सीवर, बिजली आदि से पूर्ण करेगा।

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किसानों स्वेच्छा से बेच सकेंगे प्लाट

प्लाटिंग कर भूमि पर किसानों का अधिकार रहेगा और वे स्वेच्छा से बाजार भाव के अनुसार अपने प्लाट बेच सकेंगे। परिषद का मानना है कि नई योजना से अवैध कॉलोनियों के मायाजाल को ध्वस्त करने में मदद मिल सकेगी। साथ ही लोगों को उचित दर पर खुले स्थान पर प्लाट और आवास सुलभ कराए जा सकेंगे।

आवास विकास दो हजार एकड़ भूमि की विभिन्न स्थानों पर तलाश कर रहा है। परिषद से मिले निर्देशों और नियमों के आलोक में भूमि का चयन किया जाएगा। -सूरजपाल, अधिशासी अभियंता उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद 

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