दारुल उलूम के फतवा प्रकरण में अभी दर्ज नहीं हुई रिपोर्ट, मंथन में जुटे अधिकारी; जानें मामला
गजवा-ए-हिंद पर दारुल उलूम के फतवे को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा घोर आपत्ति जताए जाने के बाद पुलिस प्रशासन मामले की गहनता से छानबीन में जुटा है। मामले में अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र का कहना है कि गजवा-ए-हिंद के मामले में आयोग के निर्देशों के क्रम में कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। गजवा-ए-हिंद पर दारुल उलूम के फतवे को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा घोर आपत्ति जताए जाने के बाद पुलिस प्रशासन मामले की गहनता से छानबीन में जुटा है। मामले में अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र का कहना है कि गजवा-ए-हिंद के मामले में आयोग के निर्देशों के क्रम में कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में एसएसपी को लिखकर भेजा गया है। इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने गजवा-ए-हिंद को वैध बताने वाला फतवा जारी किया था। इस फतवे पर एनसीपीसीआर ने घोर आपत्ति जताई थी और सहारनपुर के डीएम व एसएसपी को पत्र लिखकर संस्था के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने को कहा था।
मामले में गुरुवार को उच्चाधिकारियों के निर्देश पर देवबंद एसडीएम अंकुर वर्मा और सीओ अशोक सिसौदिया ने दारुल उलूम पहुंचकर संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी समेत जिम्मेदारों से फतवे के संबंध में जानकारी की थी। मोहतमिम ने अधिकारियों को बताया था कि फतवा नौ साल पुराना है। बहरहाल, अभी तक पुलिस प्रशासन सभी तथ्यों को लेकर जांच में जुटा है। यही वजह है कि अभी तक प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है।
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