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गले में तख्ती डालकर कलक्ट्रेट पहुंचा सेवानिवृत्त फौजी, लिखा था- मृत्युदंड या अधिकारियों से इंसाफ

सहारनपुर में एक सेवानिवृत्त फौजी ने न्याय नहीं मिलने पर मृत्युदंड की मांग की है। उनका आरोप है कि नगर निगम ने जबरन उनके प्लाट में नाला निर्माण करा दिया जिससे उनकी आठ लाख रुपये की जमीन नाले में चली गई। वह 22 महीने से अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें कोई इंसाफ नहीं मिला। उन्होंने अब तक 1500 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराई हैं ।

By Vishva Pratap Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 10 Sep 2024 09:16 PM (IST)
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निगम के खिलाफ कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करने पहुंचा रिटायर्ड फौजी मो. शाहिद। जागरण

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे सेवानिवृत्त फौजी ने न्याय नहीं मिलने पर मृत्युदंड की मांग की है। उसने नगर निगम पर जबरन उसके प्लाट में नाला निर्माण कराने का आरोप लगाया है। बताया कि वह आइजीआरएस पोर्टल पर भी 1500 से ज्यादा शिकायत कर चुका, लेकिन निगम ने अपने हिसाब से शिकायतों का निपटारा किया है।

एसडीएम ने कराई थी प्लाट की पैमाइश

खाताखेड़ी निवासी सेवानिवृत्त फौजी मोहम्मद शाहिद मंगलवार को गले में तख्ती लटकाकर कलक्ट्रेट पहुंचा। तख्ती पर लिखा था- फौजी को मृत्युदंड या अधिकारियों से इंसाफ । शाहिद ने बताया कि 24 वर्ष सेना में सेवा के बाद वह 2019 में सेवानिवृत्त हुआ। फंड में मिले रुपयों से उसने खाताखेड़ी में प्लाट खरीदा था।

आरोप है कि नगर निगम ने जबरन उसको थाने में बैठाकर उसके प्लाट में नाले का निर्माण करा दिया, जिससे उसकी आठ लाख रुपये की जमीन नाले में चली गई। आरोप है कि सड़क के दूसरे पार के लोगों ने निगम की जमीन कब्जाई हुई है।

उन पर कार्रवाई के बजाय निगम ने उसके खरीदे हुए प्लाट को ही टारगेट किया है। शाहिद ने बताया कि मामले की जांच एसडीएम सदर और राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने की थी। प्लाट की पैमाइश ठीक पाई गई, लेकिन प्रशासन की जांच को भी निगम ने नहीं माना।

नगर निगम कर रहा गुमराह

आरोप है कि उनकी शिकायतों का निपटारा निगम खुद ही कर रहा है। 22 माह से उत्पीड़न कर उसे गुमराह किया जा रहा है। उसने जिंदगीभर की कमाई इस प्लाट में लगा दी। ऐसे में उसके बच्चे सड़क पर आ जाएंगे। पोर्टल पर की गई शिकायतों को लेकर निगम रिपोर्ट गलत भेज रहा है तथा शासन और प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है।

सेवानिवृत्त फौजी का कहना है कि यदि उसे शासन-प्रशासन इंसाफ नहीं दे सकता है तो उसे मृत्युदंड दिया जाए। उन्होंने निगम के भ्रष्ट अधिकारियों की जांच करने की मांग उठाई। पीड़ित ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। डीएम मनीष बंसल ने मामले की जांच करा कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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