Saharanpur News: 1939 में बना राम दरबार मंदिर, आजादी के बाद पहली बार यहां सजी झांकी, 1992 में हुआ था वीरान
Saharanpur News In Hindi फिर चमका राम दरबार मंदिर आजादी के बाद पहली बार लगी झांकी। जिससे इस बार उन्होंने बताया कि पहली राम दरबार मंदिर में झांकी लगाई गई हैं। मंदिर में झांकी लगने पर मोहल्ले वालों में खुशी की लहर हैं।नगर के काफी लोग झांकी देखने गए। कुछ लोगों ने इस प्राचीन मंदिर को पहली बार देखने की बात कही।
संवाद सूत्र,महंगी-गंगोह। यूपी के सहारनपुर जिले के गंगोह में एक ऐसा प्रसिद्ध मंदिर है जिसके बारे में गंगोह वासी भी कम ही जानते हैं। क्योंकि यह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बना हुआ। यह मंदिर खंडहर हो चुका था। लेकिन अब हिंदू समाज के लोगों ने इसमें अपना समय व पैसा लगाकर इसको खूबसूरती दे दी है। पहली बार इस मंदिर में आजादी के बाद जन्माष्टमी पर झांकी लगी है।
1939 में बना मंदिर
गंगोह के गुजरान मोहल्ले में राम दरबार मंदिर 1939 में बना था। मोहल्ले के रहने वाले मुकेश राणा ने बताया कि अपने पति चौ. दिलेराम की याद में उनकी पत्नी रसिली देवी, भरतो व चमेली ने बनवाया था। बताया गया है कि उस समय राम दरबार मंदिर से रामनवमी की शोभायात्रा का शुभारंभ होता था। लेकिन समय के साथ यह मंदिर लोगों के कम आने पर अपना अस्तित्व खोता चला गया और यहां पर यह मंदिर खंडहर हो गया।
पूरी तरह वीरान हो गया मंदिर
वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद प्रकरण के बाद तो पूरी तरह यह मंदिर वीरान हो गया।और असमाजिक तत्वों का केंद्र बन गया था। फिर गुजरान वासी व नगर पालिका का अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुके सुरेश पाल राणा ने अपने युवा साथियों के साथ 6 साल पहले इसकी सुध ली और इसके जीणोद्धार के लिए लोगों से अपील कर दानदाताओं से मिले। जिससे यह मंदिर फिर अपने स्वरूप में आ गया।
तीन महीने पहले मंदिर में रखा पुजारी
तीन माह पहले मोहल्ले वालों ने इसमें पुजारी को रखा। जिससे पुजारी नवीन कुमार ने खुद व मोहल्ले के युवाओं को साथ लगाकर इसकी युद्व स्तर पर साफ सफाई करवा कर मंदिर को चमका दिया। सेवादारों में सुशील कुमार, अनुज कुमार, पिरथी सिंह,प्रवीण कुमार, अमन, नवीन, गौरव, सौरभ, अंकित सैनी व मेनपाल आदि का सहयोग रहा। सुरेश पाल राणा का कहना है कि मंदिर में असमाजिक तत्वों रोकने के लिए प्रशासन से बात की जाएगी।