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30 साल बाद की घर वापसी; सहारनपुर के शहाबुद्दीन सनातन धर्म अपनानकर अब कहलाएंगे अर्जुन भारद्वाज

चिलकाना निवासी शहाबुद्दीन ने 30 साल बाद सनातन धर्म में वापसी की है। सरसावा के देवकी मंदिर में उनका शुद्धिकरण कराया गया। अब उनका नाम अर्जुन भारद्वाज है। उन्होंने बताया कि लालच में उनका धर्म परिवर्तन करा दिया गया था। अब वह स्वेच्छा से अपने मूल धर्म में लौट आए हैं। तीस वर्ष पहले वे हिंदू धर्म से ही संबंध रखते थे।

By Praveen Kumar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 12 Oct 2024 03:02 PM (IST)
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शहाबुद्दीन सनातन धर्म अपनाकर अर्जुन भारद्वाज बन गए।
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। चिलकाना निवासी शहाबुद्दीन शुक्रवार को सनातन धर्म अपनाकर अर्जुन भारद्वाज बन गए। करीब 30 साल बाद उन्होंने घर वापसी की है। सरसावा के देवकी मंदिर में शहाबुद्दीन का शुद्धिकरण कराकर सनातन धर्म में वापसी कराई गई है। हालांकि उनके दोनों बेटे इस्लाम धर्म का ही अनुसरण कर रहे हैं।

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने धर्म प्रसार कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को चिलकाना निवासी शहाबुद्दीन की सनातन धर्म में घर वापसी कराई है। सरसावा के देवकी मंदिर में हवन कराकर चिलकाना निवासी शहाबुद्दीन का शुद्धिकरण कराया गया।

30 वर्ष पहले वह हिन्दू धर्म से संबंध रखता था

शाहबुद्दीन से अर्जुन भारद्वाज बनने के बाद उसने बताया कि करीब 30 वर्ष पूर्व वह हिंदू धर्म से संबंध रखता था, लेकिन कुछ लोगों ने लालच में उसका धर्म परिवर्तन करा दिया था। इस्लाम धर्म अपनाने के बाद एक मुस्लिम लड़की से ही उसकी शादी हो गई थी। उसके दो बेटे हैं और दोनों उससे अलग बाहर रहते हैं। पत्नी की मौत के बाद वह घर में अकेला ही रह रहा था।

अब उसने स्वेच्छा से अपने मूल धर्म में वापसी की है और अपना शेष जीवन हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार व्यतीत करना चाहता है। इस दौरान विभाग सह संयोजक हरीश कौशिक, जिला मंत्री मनीष योगाचार्य, जिला उपाध्यक्ष रमेश पंकज, धर्म रक्षक अनुज, प्रखंड संयोजक आशुतोष, आयुष आदि मौजूद रहे।

खेड़ा मंदिर में प्रवेश रोकने का लगाया आरोप

वंचित समाज के लोगों ने खेड़ा मंदिर के भगत सहित छह लोगों पर खेड़ा मंदिर में जाने से रोकने के लिए मंदिर के कपाट बंद करने और अनुसूचित समाज के लोगों के साथ अभद्रता कर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर मंदिर में नहीं घुसने देने की चेतावनी देने का आरोप लगाया है।

शांकुभरी माता के दर्शन के बाद खेड़ा मंदिर पहुंचे थे

कस्बा सुल्तानपुर से वंचित समाज के कुछ युवा विगत आठ अक्टूबर को शाकुंभरी माता के दर्शन करने के उपरांत वापस रात में सुल्तानपुर में खेड़ा मंदिर पर पहुंचे तो आरोप है कि उन्हें देखते ही मन्दिर के पुजारी ने मंदिर के कपाट बंद कर लिए। जिस पर वंचित समाज के युवाओं ने खेड़ा मंदिर के गेट पर ही प्रसाद चढ़ाया। जिसे लेकर  समाज के लोगों में रोष है।

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शुक्रवार को थाने पर दी गई तहरीर में वंचित समाज के एक व्यक्ति ने मंदिर के भगत सहित छह लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर देकर उन पर अभद्रता कर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर उनका उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। दोनों पक्षों के लोग समझौते के प्रयास में जुटे हैं।

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