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शामली-अंबाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे में गई जमीनों को लेकर आई बड़ी खबर, शासन से जमीन के बदले क‍ि‍सानों को क्‍या म‍िला?

सहारनपुर के डीएम ने बताया क‍ि मुख्यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ के विजन और शासन की मंशा के अनुरूप शासन ने जो निर्णय लिया है उससे सैकड़ों किसानों की परेशानी दूर हो गई है। अब किसानों को जमीन के बदले जमीन व प्रतिकर दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। इस आदेश के बाद डीएम के प्रयास से जिले के 664 किसानों के चेहरों पर फिर से मुस्कान लौट आई है।

By Brijmohan MogaEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Thu, 07 Dec 2023 05:25 PM (IST)
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आदेश के बाद डीएम के प्रयास से जिले के 664 किसानों के चेहरों पर फिर से मुस्कान लौटी।
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। Shamli Ambala Greenfield Expressway : शामली-अंबाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण में जिन किसानों की जमीनें अधिग्रहित की गई हैं, उन जमीनों के प्रतिकर भुगतान और जमीन के बदले जमीन देने को शासन से हरी झंडी मिल गई है। इस आदेश के बाद डीएम के प्रयास से जिले के 664 किसानों के चेहरों पर फिर से मुस्कान लौट आई है।

जनपद की तहसील नकुड़ के अंतर्गत ग्राम फतेहचंदपुर, बालू, कलसी, रामराय खेड़ी, भोगनी मजरा, तर्बरकपुर, मोहम्मद गुर्जर की बंजर ढाक, जंगल ढाक श्रेणी की जमीनों का पूर्व में 664 लोगों को आवंटन हुआ था। शामली-अंबाला ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण में यह जमीनें ली गई थीं। जब प्रतिकर भुगतान का समय आया तो तहसील से आई रिपोर्ट में इन किसानों की जमीनें बंजर ढाक, जंगल ढाक की श्रेणी दर्शाई गईं, जिस कारण भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने सभी के प्रतिकर राेक दिए थे। इसके बाद यहां के किसान पूर्व की भांति नए जिलाधिकारी के रूप में आए डॉ. दिनेश चंद्र से मिले और बताया कि उनको यह जमीन पूर्व में पट्टे के रूप में आवंटित हुई थी, जिस पर वह फसल उगा रहे थे।

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कई लोगों के नाम तो संक्रमणीय भूमिधर के रूप में दर्ज हो चुके हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने सितंबर माह में राजस्व परिषद को पत्र लिखकर निर्णय की अपेक्षा की थी। राजस्व परिषद ने अपर मुख्य सचिव, राजस्व विभाग की अध्यक्षता में 23 नवंबर को बैठक कराई, जिसमें विशेष सचिव, राजस्व विभाग, उपभूमि व्यवस्था आयुक्त, राजस्व परिषद, भूमि अध्याप्ति निदेशालय उपस्थित हुए थे। जिलाधिकारी ने वीसी के जरिए इस बैठक में भाग लिया था। बैठक में हुए निर्णय की कार्यवृत्ति अब जारी हुई है।

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प्रतिकर को लेकर हुए यह निर्णय

  • ग्राम भोगनी मजरा, तर्बरकपुर, मोहम्मदपुर गुर्जर में चकबंदी प्रक्रिया के बाद भूमि की श्रेणी-5 (3)ड. अन्य कृषि योग्य बंजर अंकित है, जो सामान्य श्रेणी की भूमि है। इस पर प्रतिकर का भुगतान किया जा सकता है।
  • जिन ग्रामों में चकबंदी प्रक्रिया में उड़ान चक के रूप में कृषकों को भूमि आवंटित की गई है, वे प्रतिकर पाने के हकदार हैं। प्रतिकर का भुगतान किए जाने में कोई आपत्ति नहीं है।
  • जिन ग्रामों में अधिग्रहीत भूमि जंगल ढाक और बंजर ढाक की श्रेणी एवं नदी कटान की भूमि है, वहां विनिमय के माध्यम से प्रभावित कृषकों को भूमि उपलब्ध करा दी जाए।

मुख्यमंत्री के विजन और शासन की मंशा के अनुरूप शासन ने जो निर्णय लिया है, उससे सैकड़ों किसानों की परेशानी दूर हो गई है। अब किसानों को जमीन के बदले जमीन व प्रतिकर दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है।-डॉ. दिनेश चंद्र, डीएम सहारनपुर।

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