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जल और धरा को बचाना युवाओं की जिम्मेदारी : स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज Sharanpur News

जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज ने सोमवार को कहा क‍ि युवाओं की जिम्मेदारी है कि धरती की सुरक्षा व प्रदूषण से मुक्ति के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।

By Taruna TayalEdited By: Updated: Mon, 09 Dec 2019 04:37 PM (IST)
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जल और धरा को बचाना युवाओं की जिम्मेदारी : स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज Sharanpur News
सहारनपुर, जेएनएन। जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज सोमवार को जनमंच प्रेक्षागृह में भारत की ऐतिहासिक गौरव और आज की युवा पीढ़ी वि‍षय पर आयोजित प्रांतीय सम्‍मेलन में आज के युवाओं की भूमिका विषय पर बोल रहे थे। उन्‍होंने कहा कि अज्ञानता कठिनाईयों का मूल कारण है। युवाओं की जिम्मेदारी है कि धरती की सुरक्षा व प्रदूषण से मुक्ति के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं। नदियों के प्रवाह को आगे बढ़ाने में हाथ लगाकर भागीरथ बनें। जल और धरा को सहेजकर रखना ही आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। बुजुर्गों के आर्शीवाद से यह काम युवा कर अपनी संस्कृति को बचा सकते हैं।

पूरे विश्‍व में भारतीय भोजन की स्‍वीकृति

महामंडलेश्वर ने कहा कि मानवीय संभयता का जन्म हमारी धरती पर हुआ। दुनिया ने भी माना है कि ऋगवेद सबसे पुराना ग्रंथ है और हजारों वर्ष पुराना जो ज्ञान है वह वैदिक ज्ञान है। हमारी और विदेशी संस्कृति में जो सबसे बड़ा फर्क है, वह यह है कि हमने प्रकृति से प्राप्त हर वस्तु को अपना परिवार माना है, जबकि विदेशों ने हर उस चीज को वस्तु माना है। यही कारण है कि आज हमारी संस्कृति, सभ्यता आयुर्वेद के रूप में तेजी से दुनिया में बढ़ रही है। भारतीय भोजन की स्वीकृति पूरी विश्व में हो रही है। कमिश्नर संजय कुमार ने कहा कि सम्मान ही हमारी संस्कृति है। दूसरों का सम्मान करने से ज्ञान बढ़ता है।

इन्‍होंने बताया

डीएम आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि हमारे मंदिरों में कितना ज्ञान छिपा है यह आज की युवा पीढ़ी को नहीं पता। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी सैंडविच बनती जा रही है। उन्हें नहीं पता कि वह कहां जा रहे हैं। नायब शहर काजी नदीम अख्तर ने कहा कि हिंदुस्तान की संस्कृति तब से है जब न कलम था और न ही कागज था। पूरी दुनिया इसे सिंधु सभ्यता के नाम से जानती थी। संचालन राजकुमार राजू ने किया।

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