Move to Jagran APP

इस तालाब पर शोध करते विदेशी, मुख्यमंत्री कर चुके पुरस्कृत

आपने कभी ऐसा कोई तालाब देखा है जिस पर शोध करने विदेशी भी आते हों? यदि नहीं तो गांव नैनखेड़ी आइए। यहां का तालाब जल संरक्षण के साथ अनुपम सौंदर्य की मिसाल भी बन गया है। तालाब के जरिए जल संरक्षण के लिए गांव को मंडल स्तर और लखनऊ में मुख्यमंत्री से पुरस्कार भी मिल चुका है। यह पहल काबिल-ए-तारीफ तो है ही जल संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय भी है।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 26 May 2021 09:34 PM (IST)
Hero Image
इस तालाब पर शोध करते विदेशी, मुख्यमंत्री कर चुके पुरस्कृत

सहारनपुर, जेएनएन। आपने कभी ऐसा कोई तालाब देखा है, जिस पर शोध करने विदेशी भी आते हों? यदि नहीं तो गांव नैनखेड़ी आइए। यहां का तालाब जल संरक्षण के साथ अनुपम सौंदर्य की मिसाल भी बन गया है। तालाब के जरिए जल संरक्षण के लिए गांव को मंडल स्तर और लखनऊ में मुख्यमंत्री से पुरस्कार भी मिल चुका है। यह पहल काबिल-ए-तारीफ तो है ही, जल संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय भी है।

तालाब बना पिकनिक स्पाट

गंगोह ब्लाक के गांव नैनखेड़ी का तालाब सुंदरीकरण और जल संचयन के कारण विशेष पहचान बना चुका है। पांच वर्ष पूर्व करीब छह लाख रुपये की लागत से तालाब की पक्की बाउंड्री बनवाई गई थी। दो साइड में वाकिग ट्रैक व तालाब के चारों ओर ग्रिल लगी हुई हैं। वाकिग ट्रैक पर म्यूजिक सिस्टम लगा है, जिस पर सुबह शाम देशभक्ति के गीत सुनाई देते हैं। सीसीटीवी कैमरे, फ्लड लाइट, बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था है। वाकिग ट्रैक के सामने शाम को फूड स्टाल भी लग जाते हैं। तालाब में दो पैडल नाव छोड़ी गई हैं जिन पर आसपास गांवों के बच्चे भी बोटिग करते हैं। किनारे पर एक गेस्ट हाउस बना है, जिसमें पर्यटक के ठहरने का इंतजाम है।

गांव को मिल चुके कई पुरस्कार

गांव नैनखेड़ी को वर्ष-2020 व 2021 में मुख्यमंत्री पुरस्कार मिला। 2019 में मंडल स्तर पर स्वच्छता का पुरस्कार मिला था। इसी वर्ष इनोवेटिव व ई-गवर्नेस के लिए भी पुरस्कार मिला। गांव आर्गेनिक खेती व इको टूरिज्म के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुका है।

इटली की छात्रा ने किया था शोध

इटली की छात्रा इरेन ने तीन वर्ष पूर्व 22 दिन गांव में प्रवास किया था। छात्रा ने ग्रामीण क्षेत्र में जल संचयन और जैविक खेती पर रिसर्च की थी। गांव की गलियों और नालियों को इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे गांव का पूरा पानी तालाब में पहुंचे और कहीं जलभराव की समस्या न हो। पांच वर्ष पहले तालाब में आइसोलेशन लेयर बन गई थी। ग्रामीणों के साथ मिलकर इसे हटवाया गया। इससे गांव का भूजल स्तर ऊपर उठ गया है।

-गजेंद्र पंवार, निवर्तमान ग्राम प्रधान प्रतिनिधि

तालाब के सुंदरीकरण, रखरखाव व जलसंचयन के लिए सभी गांव वालों को साथ लेकर काम किया जायेगा। वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाकर बरसाती पानी की बर्बादी रोकी जाएगी। गांव का सर्वागीण विकास प्राथमिकता में है।

-श्रीमती पंकज सैनी, गांव प्रधान

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।