मौत की हकीकत पर सब एकमत : मोहम्मद अतहर
मौत एक हकीकत है इससे कोई इन्कार नही कर सकता। सभी धर्म ग्रन्थो में इसकी व्याख्या की गई है। कुरान में भी अनेक आयते मौत और हयात के सिलसिले में है। धर्म मजहब के नाम पर लोग एकमत नही है, लेकिन मौत की हकीकत पर सब एकमत है। यह विचार जाकिरे एहलेबैत मौलाना मोहम्मद अतहर काजमी मेरठी ने सिरसी के इमाम बारगाह सादात में आयोजित शादाब रजा के इसाले सवाब की मजलिस को खिताब करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने अजमते एहलेबैत पर रोशनी डालते हुए कहा कि कुरान
सिरसी, जासं: मौत एक हकीकत है इससे कोई इन्कार नहीं कर सकता। सभी धर्म ग्रंथों में इसकी व्याख्या की गई है। कुरान में भी अनेक आयतें मौत और हयात के सिलसिले में है। मजहब के नाम पर लोग एकमत नहीं है, लेकिन मौत की हकीकत पर सब एकमत है। यह विचार जाकिरे एहलेबैत मौलाना मोहम्मद अतहर काजमी मेरठी ने सिरसी के इमाम बारगाह सादात में आयोजित शादाब रजा के इसाले शवाब की मजलिस को खिताब करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने अजमते एहलेबैत पर रोशनी डालते हुए कहा कि कुरान में भी इनकी अजमत बयान की गई है। खुद नबी करीम ने भी कहा है कि जिसने इनसे मोहब्बत की उसने मुझसे मोहब्बत की और जिसने इनसे दुश्मनी की उसने मुझसे दुश्मनी की। मौलाना ने हजरत अली की अजमत बयान करते हुए कहा कि खुदा और रसूल ने अली का जो मर्तबा बताया है, उसकी हद तय नही की जा सकती।
मौलाना ने शादाब रजा को सच्चा मोहिब्बे एहलेबैत बताते हुए सूरए फातेहा पढ़ी। इससे पूर्व मास्टर मोहम्मद रजा ने अपने हमनवाओं के साथ मर्सिया ख्वानी की। शायर नदीम जाफरी ने अपने कलाम का नजराना पेश किया। इस दौरान मुनव्वर रजा जाफरी, अनवर रजा, इंत•ार हुसैन, हाजी इफ्तेखार हुसैन, हाजी अली कौसर जाफरी, सभासद आशिक अब्बास, पूर्व सभासद अमीर अब्बास भूरा, प्रो. मोहम्मद हुसैन जाफरी, शाने अब्बास, हाशिम रजा जाफरी, अकमाल अहमद आदि रहे।