युवक के शरीर पर ब्रा मिली… बगल में ही पड़ा था सूट-सलवार, बुलडोजर चलाने वाला ‘गूंगा’ क्यों बना कातिल?
संभल में सब्जी विक्रेता की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है। मूक बधिर जितेंद्र ने छेड़छाड़ के बाद अपमान का बदला लेने के लिए साथी जसवंत की हत्या थी। पुलिस ने ट्रांसलेटर के माध्यम से पूछताछ की जिस पर जितेंद्र ने जुर्म कबूला। पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक युवक का आरोपी के साथ पहले से मिलना-जुलना होता था। वह लड़की की वेशभूषा में ही उससे मिलता था।
संवाद सहयोगी, संभल। बनियाठेर थाना क्षेत्र के गांव कादरपुर कुकेटा में तीन अक्टूबर को हुई सब्जी विक्रेता की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। हत्यारोपी ने मृतक की बहन के साथ छेड़छाड़ की थी।
शिकायत पर सब्जी विक्रेता ने उसे घर पर जाकर थप्पड़ मारे थे। इसी अपमान का बदला लेने के लिए उसकी जान लेने की ठान ली। आरोपी ने मृतक के साथ अनैतिक शारीरिक संबंध बनाए और फिर चाकू से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी।
बड़ी बात यह है हत्यारोपी मूक बधिर है। वह काफी समय से युवक को मारने की साजिश रच रहा था और पूरे गांव में इशारों के साथ उसकी हत्या करने की बात कहता था, लेकिन कोई उसकी बात को समझ नहीं पाया और मौका पाकर युवक की हत्या कर दी। पुलिस ने सूझबूझ के साथ उसी की भाषा में बात करने वाले व्यक्ति के माध्यम से सच्चाई का राजफाश किया।
यह है पूरा मामला
दरअसल, गांव कादरपुर कुकेटा निवासी जसवंत 28 पुत्र रामसेवक का शव गांव में ही महेश के धान के खेत में लहूलुहान हालत में पड़ा मिला था। मृतक के पिता की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और जांच में जुट गई थी।
पुलिस ने सभी बिंदुओं पर अपनी जांच की, लेकिन हत्यारोपी पुलिस की जांच से दूर था। पुलिस ने गांव में दिन रात जासूसी का काम शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने शुरू से अपनी जांच की तो कुछ ओर ही सामने आया।
गांव का ही रहने वाला जितेंद्र उर्फ गूंगा मूक बधिर है। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और ट्रांसलेटर के माध्यम से उससे पूछताछ की, जिसके बाद उसने अपना जुर्म कबूला। इशारों में बात करते हुए जितेंद्र ने बताया कि उसी ने चाकू से जसवंत की हत्या की थी।
एसपी कृष्ण कुमार ने बताया कि एक माह पहले हत्यारोपी जितेंद्र ने मृतक जसवंत की बहन के साथ छेड़खानी की थी। जब इसकी भनक जसवंत को लगी तो उसने जितेंद्र के साथ मारपीट की थी, तभी से जितेंद्र के सिर पर उसकी हत्या करने का भूत सवार हो गया और चाकू लेकर गांव में ही घूमता रहता था। साथ ही इशारों में ही जसवंत को जान से माने की बात कहता फिरता था। हालांकि, मूक बधिर होने के चलते उसकी बात को कोई समझ नहीं पाता था। मौका मिलते ही तीन अक्टूबर की शाम उसने धान के खेत में जसवंत को बुलाकर उसका गला रेतकर हत्या कर दी।
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