Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

यूपी के इस जिले में BSA का फरमान, जूते-चप्पल उतारकर कक्षा में प्रवेश करें बच्चे और शिक्षक

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीएसए ने अजीबो- गरीब फरमान जारी किया है। दरअसल कंपोजिट विद्यालय में शिक्षक के मोबाइल में व्यस्त मिलने के बाद शिक्षा व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए नई नियमावली लागू की है। जिले की बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा ने बच्चों और शिक्षकों के कक्षा में जूते-चप्पल पहनकर जाने पर रोक लगा दी है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 18 Jul 2024 02:34 PM (IST)
Hero Image
संभल में BSA ने जारी किया अजीबो-गरीब फरमान

जागरण संवाददाता, संभल। कंपोजिट विद्यालय शरीफपुर में शिक्षक के मोबाइल में व्यस्त मिलने के बाद जिले में शिक्षण कार्य को सुदृढ़ करने के लिए नई नियमावली लागू की है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा ने बच्चों और शिक्षकों के कक्षा में जूते-चप्पल पहनकर जाने पर रोक लगा दी है।

उनका कहना है कि स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है। कक्षाओं के बाहर जूते-चप्पल रखने की व्यवस्था की जाए। साथ ही शिक्षक स्कूल में जींस और टी शर्ट पहनकर नहीं जा सकेंगे और पढ़ाने के दौरान मोबाइल के इस्तेमाल पर भी रोक रहेगी। बच्चे शिक्षकों से जय हिंद और नमस्ते बोलेंगे।

बीएसए ने डीएम के आदेश पर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेशित किया है कि वह अपने क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों और कार्यालयों में शिक्षकों को स्पष्ट कर दें कि अपरिहार्य परिस्थिति व विभागीय उच्चाधिकारियों के ही फोन रिसीव करेंगे।

केवल लाल स्याही वाली कलम से चेक की जाएंगी कॉपियां

विद्यालय में बच्चों की कापियां जांचने के लिए केवल लाल स्याही वाली कलम का ही इस्तेमाल किया जाएगा। बच्चे शिक्षकों को गुरुजी और महिला शिक्षकों को दीदी अथवा बहनजी कहकर संबोधित करेंगे। विद्यालय के निरीक्षण के समय कोई भी अधिकारी प्रधानाध्यापक की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।

विद्यालय व कार्यालय पूर्ण रूप से तंबाकू उत्पाद एवं प्लास्टिक रहित रहेंगे। किसी भी दशा में प्लास्टिक की पानी की बोतल एवं बर्तन का प्रयोग न किया जाए। निरीक्षण के समय ऐसा पाए जाने पर संबंधित को अर्थदंड से दंडित किया जाएगा और विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। विद्यालयों/कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी, सहायकों, शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों द्वारा भारतीय गणवेश परिधान ही पहने जाएं।

इसे भी पढ़ें: पश्चिमी यूपी की तीन विधानसभा सीटों पर रालोद की नजर, दो पर फंस सकता है पेंच; BJP भी लगा रही दांव

इसे भी पढ़ें: वकीलों की हड़ताल रोकने को बार कौंसिल बनाए नीति: इलाहाबाद हाई कोर्ट