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Sambhal News: ये गुन्नौर थाना है...जहां गेट पर ही मिल जाएंगे बेसहारा पशु; खतरों से भरा है नेशनल हाईवे का सफर

गुन्नौर से गुजरता है राष्ट्रीय राजमार्ग पशुओं से टकराकर आए दिन होते हैं हादसे। गुन्नौर तहसील के कई गांवों और नगरों में इन दिनों किसान बेसहारा पशुओं से परेशान हैं। इन दिनों पशुओं की संख्या की संख्या कम होने के बजाय संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। सरकार ने बेसहारा पशुओं को पशुशाला में रखने के आदेश जारी किए थे।

By Raghvendra Chandra Shukla Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 20 Aug 2024 10:28 AM (IST)
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गुन्नौर कोतवाली के गेट पर ही जमा बेसहारा पशु। जागरण
संवाद सूत्र, बबराला/संभल। सड़कों पर बेसहारा पशु हादसों का कारण बन रहे हैं। जबकि गुन्नौर में गोशाला का संचालन भी हैं। इन पशुओं का सड़क पर घूमना यह दर्शाता है कि सच्चाई क्या है। हाल यह है कि गुन्नौर कोतवाली के सामने ही इनका जमावड़ा है। यहां से ही राष्ट्रीय राजमार्ग भी गुजर रहा है। यहां हर माह होने वाले हादसे में 70 प्रतिशत से ज्यादा बेसहारा पशु से वाहनों के टकराने से हो रहे हैं।

बेसहारा पशु गुन्नौर तहसील क्षेत्र में धनीपुर से जुनावई, सैजना, गुन्नौर, गुन्नौर हीरापुर, बबराला में बेसहारा पशुओं ने किसानों के लिए भारी समस्या पैदा कर दी है। ये बेसहारा पशु झुंड बनाकर खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और मेरठ बदायूं राजमार्ग पर घूमते हैं। वहीं गुन्नौर बबराला में ये पशु नगर की गलियों में झुंड बनाकर खड़े हो जाते हैं। ये लोगों पर भूखे रहने पर हमला भी कर घायल कर रहे हैं।

गुन्नौर तहसील के सड़कों पर ये आवारा पशु दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। गांव धनीपुर से जुनावई, सैजना, गुन्नौर, गुन्नौर हीरापुर, बबराला में बेसहारा पशुओं के सड़क पर जमा होकर पशुओं की संख्या वृद्धि हो रही है। 

खेतों में खड़ी फसल कर देते हैं बर्बाद

खेतों में खड़ी फसल को पशु लड़ाई कर पूरी तरह खराब कर देते हैं। किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। खेतों में खड़ी फसल के लिए ये पशु नुकसान दायक साबित हो रहे हैं। किसानों के लिए ये बेसहारा पशु परेशानी का कारण बने हैं।

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किसान किशनपाल ,कोमल सिंह ने कहा कि रात के समय खेतों में सिंचाई का काम करना पड़ता है और बेसहारा पशुओं से फसलों के बचाने के लिए खेत को रखाना पड़ता है। ऐसे समय में खेत में किसान अकेला होता है। और ये पशु झुंड में आकर खेतों में घुस जाते हैं। ये किसानों पर हमला करने में नहीं चूकते।

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