'संपत्ति हड़पने के बाद घर…' सताए बुजुर्गों की आपबीती सुन DM-SP भी हो गए भावुक, बेटों पर कार्रवाई के दिए निर्देश
चंदौसी के वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों का हाल जानने के लिए डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई अधीनस्थों के साथ पहुंचे थे। सभी ने अपने बेटों की असलियत बयां की। संपत्ति हड़पने के बाद उन्हें घर से निकाल दिया गया। उनकी आपबीती सुनकर डीएम और एसपी भी भावुक हो गए। डीएम ने ऐसे बेटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजने के आदेश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, चंदौसी। औलाद के लिए तमाम जतन करने करने और उस पर अपनी सारी खुशियों को न्योछावर कर देने वाले मां बाप पर उस समय क्या गुजरती होगी जब उन्हीं की संपत्ति से बेदखल कर उन्हें घर से धक्के देकर निकाल दिया जाता है।
यह सिर्फ वही महसूस कर सकते हैं, जिनके साथ ऐसा हुआ हो। ऐसे अनगिनत लोग हैं जो बेटा बहू के सताए हुए हैं और जिंदगी के अंतिम पड़ाव में अनाथों की तरह वृद्धाश्रम में अपनी बाकी की जिंदगी बिता रहे हैं।
सताए बुजुर्गों ने डीएम के सामने बयां की बेटों की असलियत
चंदौसी के वृद्धाश्रम में शनिवार को डीएम पहुंचे तो अपनों के सताए बुजुर्गों ने बेटों की असलियत बयां कर दी। आपबीती सुनाते समय उनकी आंखें छलक उठीं। सुनने वाले भी भावुक हो गए।
शहर के कैथल गेट में स्थित वृद्धाश्रम में रह रहे दर्जनों बुजुर्गों का हाल जानने के लिए लिए डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई अधीनस्थों के साथ पहुंचे तो अपनों के सताए बुजुर्ग को खुद को नहीं रोक सके और उन्होंने अपना दर्द बयां कर डाला।
यहां रह रहे कोतवाली क्षेत्र के गांव पथरा तारापुर निवासी नत्थूलाल से जब अफसरों ने उनका हाल जानने का प्रयास किया तो वह अपने आपको नहीं रोक सके।
बेटे की हत्या के बाद पत्नी ने आरोपी से कर ली शादी
उन्होंने बताया कि उनका बेटा मुरादाबाद में एलआईसी में असिसटेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत था। वर्ष 2010 उसकी हत्या कर दी गई। हत्या के बाद उसकी पत्नी ने मुरादाबाद का मकान व मिली मिली रकम अपने कब्जे में कर ली और आरोपित के यहां ही शादी कर ली।
इस मामले में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। सारी संपत्ति हड़पने के बाद बहू ने उसे घर से निकाल दिया। बेटे की मौत और बहू की करतूत बयां करते हुए नत्थूलाल की आंखें से आंसू बह निकले।
बेटे ने घर पर कब्जा कर सारा सामान बेच दिया
डीएम के पूछने पर नगर के ब्रह्मबाजार निवासी जय गोपाल चंद्र के सब्र का बांध भी टूट गया। उन्होंने बेटे की करतूत बताते हुए कहा कि उसके नाम मकान है लेकिन उनका बेटा उनको घर पर नहीं रहने देता, बेटे ने घर पर कब्जा करके स्कूटी व अन्य सामान को भी बेच दिया है। जब इसके लिए मना किया तो वह गाली-गलौज से लेकर मारपीट तक उतारु हो गया। अपनी इज्जत बचाते हुए मजबूरी में वृद्धाश्रम में रहना पड़ रहा है।
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उन्होंने कहा कि अपनों से भी ज्यादा प्यार यहां गैरों से मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जिनके लिए सबकुछ किया वहीं दुश्मन बन गए। ऐसे बेटों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
बहजोई रोड निवासी रवि कुमार ने बताया कि उनकी चंदौसी के मुहल्ला संभल गेट में फोटोग्राफी की दुकान थी। बेटा गलत संगत में पड़ गया है, शराब पीकर घर पर हंगामा व गली-गलौज करता है। समझाने का प्रयास करने पर मारपीट पर आमादा हो जाता है। दुखी होकर घर छोड़ कर पत्नी के साथ वृद्ध आश्रम में आकर रहने लग हैं। बता दें कि वृद्धाश्रम में रहने वाले लगभग सभी बुजुर्गों की कमोवेश एक जैसी ही स्थिति है। अधिकांश बुजुर्ग बेटा और बहू के सताए हुए हैं।
डीएम ने दिए मां-बाप को घर से निकालने वालों को जेल भेजने के आदेश
वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धजनों की व्यथा सुनने के बाद जिलाधिकारी ने अफसोस व्यक्त करते हुए मौके पर मौजूद एसडीएम सदर नीतू रानी, एवं कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रेनू देवी को आदेशित किया कि ऐसे बेटों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराई जाए, जिन्होंने पिता की संपत्ति पर अधिकार करने के साथ ही बूढ़े मां-बाप को घर से निकाल दिया है। इनकी गिरफ्तारी कर जेल भेजा जाए, ताकि दूसरों का ऐसा करने का साहस न हो सके।
यही नहीं घर से निकाले गए बुजुर्गों को उनके ही घर पर रहने के लिए जगह दिलाने की व्यवस्था की जाए। इसके साथ वृद्ध आश्रम के कर्मचारियों को सभी के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के साथ संपत्ति व उनकी शिकायतों का रजिस्टर तैयार करने को कहा। इस दौरान अधिकारियों ने सभी वृद्धजनों को फल वितरण किए।
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