Dowry Case: दहेज हत्या में आरोपी पति को आजीवन कारावास, सवा चार साल पहले बेरनी गांव में की थी पत्नी की हत्या
चंदौसी थाना कुढ़ फतेहगढ़ क्षेत्र के ग्राम बेरनी में सवा चार साल पहले दहेज की मांग पूरी न होने पर विवाहिता की जलाकर हत्या करने वाले पति को अदालत ने आजीवन कारावास व 18 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है।
By Jagran NewsEdited By: Riya PandeyUpdated: Sat, 03 Jun 2023 06:57 PM (IST)
जागरण संवाददाता, चंदौसी: थाना कुढ़ फतेहगढ़ क्षेत्र के ग्राम बेरनी में सवा चार साल पहले दहेज की मांग पूरी न होने पर विवाहिता की जलाकर हत्या करने वाले पति को अदालत ने आजीवन कारावास व 18 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है।
दहेज की मांग पूरी ना होने पर पत्नी की जला कर की हत्यारामपुर जिले के शाहबाद थाना क्षेत्र के ग्राम मीरापुर निवासी महेंद्र पाल सिंह ने अपनी बहन बबिता का विवाह थाना कुढ़ फतेहगढ़ क्षेत्र के ग्राम बेरनी निवासी सोनू पुत्र जयपाल सिंह के साथ किया था। शादी में अपनी हैसियत के अनुसार दान दहेज भी दिया था लेकिन बबिता के ससुराल वाले इससे खुश नहीं थे। वह शादी के बाद से ही दो लाख रुपये की मांग पूरी करने के लिए बबिता पर दबाव बनाने लगे। जब मांग पूरी नहीं हुई तो उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। शादी के करीब दो साल बाद 20 फरवरी 2018 को महेंद्र पाल को सूचना मिली कि उसकी बहन बबिता को ससुराल वालों ने जलाकर मार दिया है। सूचना मिलने के बाद वह स्वजन के साथ बहन की ससुराल बेरनी पहुंचा तो देखा कि उसकी बहन लाश की घर में रखी हुई है और उसके ससुराल वाले घर से फरार थे।
हत्या का आरोप सिद्ध होने पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजामृतका के भाई महेंद्र पाल सिंह की ओर से थाना कुढ़ फतेहगढ़ में दहेज के लिए हत्या करने की तहरीर ससुराल वालों के खिलाफ दी गई थी, जिसमें बबिता के पति सोनू के साथ ही सास-ससुर व ननद को भी आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो सोनू को ही आरोपी मानते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश निर्भय नारायण राय की आदालत में मुकदमा चला। इसमें दोनों पक्षों के गवाहों के बयान सुनने के साथ ही पत्राावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन करने और बचाव व अभियोजन पक्ष के सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने शनिवार को सोनू पुत्र जयपाल सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोषी पर 18 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
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