Move to Jagran APP

UP News: पुलिस विभाग में क्लर्क की नौकरी की बात, बाप-बेटे ने गंवा दिए पांच लाख

यूपी के संभल जिले से पुलिस विभाग में क्लर्क की नौकरी के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि आरोपियों ने उसके बेटे को नौकरी दिलाने का झांसा देकर 5 लाख रुपये ठग लिए हैं। वहीं पुलिस से शिकायत करने कार्रवाई नहीं हुई जिसके बाद पीड़ित ने एसपी से शिकायत की जिसके बाद मामला दर्ज किया गया है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 24 Jul 2024 10:14 PM (IST)
Hero Image
पुलिस में क्लर्क की नौकरी लगवाने के बहाने पांच लाख की ठगी।

संवाद सहयोगी, बहजोई। कुछ जालसाजों ने एक युवक से उसके बेटे की पुलिस में क्लर्क के पद पर नौकरी लगवाने के बहाने पांच लाख रुपए की ठगी कर ली। जब इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस की की गई तो रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। हालांकि, पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत के बाद एंटी फ्रॉड सेल में जांच हुई और प्राथमिक साक्ष्य मजबूत होने के चलते अब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है।

यह है पूरा मामला

बहजोई थाना क्षेत्र के गांव मचखेड़ा के यशवीर सिंह पुत्र केदारी सिंह ने बताया कि वह पिछले वर्ष उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में इंद्रलोक कॉलोनी में परचून की दुकान लगाते थे। इसी दौरान वह बदायूं हाउस में रहते थे और वहीं निकट के कमरे में बहजोई का ही विश्नोई उर्फ नितिन नाम का युवक रहता था, जिसने कहा कि आपके बेटे ने पुलिस में क्लर्क के पद के लिए आवेदन किया है। 

उसकी नौकरी पक्की लगवाने के लिए कुछ लोग उसके संपर्क में हैं और उसने परीक्षा का एडमिट कार्ड ले लिया और उसके बाद पिता पुत्र को दिल्ली में बुला लिया। जहां सीजेएम कांप्लेक्स में पहुंचकर दो लोगों से मुलाकात हुई और गाड़ी में मुलाकात के दौरान ही नंबर बढ़ाने का वादा करते हुए कई अन्य लोगों की नौकरी लगवाने का दावा किया गया। 

पैसों के लिए रख ली मार्कशीट

वहीं पर मुरादाबाद के थाना ठाकुरद्वारा क्षेत्र के गांव आदिलपुर रहटा के मोनू चौधरी उर्फ इनासिफ से से मुलाकात हुई और बताया गया कि नौकरी लगने के लिए उन्हें 16 लाख रुपए खर्च होंगे, लेकिन युवक ने अपने बेटे की नौकरी के लिए 16 लाख देने से इनकार कर दिया तो पूर्व में ली गई मार्कशीट देने से इनकार कर दिया। 

आरोप है कि बाद में मोनू चौधरी ने कहा कि आपको अन्य किसी व्यक्ति से बात नहीं करनी है। 10 लाख रुपए में वह स्वयं ही उनकी नौकरी लगवा देंगे। इसके बाद उसने पिता पुत्र को मुरादाबाद स्थित पीली कोठी पर मिलने को कहा और अपनी गाड़ी में बिठाकर विवेकानंद के पास आशियाना कॉलोनी में अपना घर भी दिखा दिया और अपने घर पर 2.95 लाख मंगा लिए, जबकि पांच हजार रुपए ऑनलाइन मोबाइल नंबर पर भी ट्रांसफर कर लिए। बाद में दो लाख रुपए भी ले लिए और कहा गया की पांच लाख रुपए नौकरी लग जाने के बाद दे देना। 

पुलिस को दिया सबूत, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई

शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया कि जालसाजों ने रुपए लेने के अलावा की गई पूरी बातचीत का आडियो रिकार्डिंग अपने मोबाइल में सेव किया हुआ है और उसके सबूत के तौर पर पुलिस के समक्ष भी पेश किया। 

हालांकि, उन्होंने बहजोई पुलिस को नौ जनवरी 2024 को एक शिकायती पत्र दिया, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में चार अप्रैल 2024 को पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत की गई। उन्होंने एंटी फ्रॉड सेल को जांच सौंपी और सीओ बहजोई ने जांच कर रिपोर्ट दर्ज करने की आख्या प्रेषित की, जिसके बाद बहजोई पुलिस ने अब आरोपी विश्नोई उर्फ नितिन निवासी बहजोई के अलावा मोनू चौधरी और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के आईपीसी की धारा 420 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज की है।

एक युवक से उसके बेटे की नौकरी लगवाने के बहाने पांच लाख रुपए की ठगी का आरोप है, जिसमें उच्चाधिकारियों के निर्देश पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है, जो भी तथ्य आगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-योगेश कुमार, प्रभारी निरीक्षक, बहजोई।

आईपीसी में दर्ज हुई रिपोर्ट

बता दें कि एक जुलाई 2024 से भारत के नए आपराधिक कानून के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हो रही है। ठगी का यह मामला एक जुलाई 2024 से पहले का है, जिसके चलते आईपीसी अर्थात भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज हुई है। 

अगर यह घटना एक जुलाई से बाद की होती तो भारतीय न्याय संहिता 318 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज होती। हालांकि, आईपीसी में दर्ज रिपोर्ट के बाद इसकी जांच प्रक्रिया नई कानून के अंतर्गत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के आधार पर ही आगे बढ़ाई जाएगी।

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री योगी की समीक्षा बैठक के दौरान अचानक उठने लगा था धुआं, JE के बाद अब ADO पर गिरी गाज

यह भी पढ़ें: पैसा कमाने की चाहत में अपराधी बन गए सगे भाई, निशाने पर रहती थी महिलाएं, पकड़ा गया ताे खुला रहस्य

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।