Shafiqur Rahman Barq: जब KBC की हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन ने पूछा था ये सवाल, PM Modi ने भी दी थी सांसद को बधाई, ऐसा रहा सफर
MP Dr Shafiqur Rahman Barq News सांसद डा. बर्क ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करीब 57 वर्ष पहले की थी। जहां वह चौधरी चरण सिंह के संपर्क में आने के बाद उनसे काफी प्रभावित हुए थे और राजनीति में अपना कदम रखा जिस कारण मुस्लिमों का गढ़ कहे जाने वाले संभल में उनकी एक अलग नेता के रूप में पहचान बनी।
जागरण संवाददाता, संभल। करीब 57 साल पहले सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। जहां चौधरी चरण सिंह के संपर्क में आने के बाद राजनीति के क्षेत्र में अपना पहना कदम रखा और आगे बढ़े। क्योंकि संभल मुस्लिम गढ़ रहा है और इसी के चलते उन्होंने मुस्लिम नेता के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
उसी समय मुलायम सिंह यादव भी चौधरी चरण सिंह के संपर्क में रहे थे और उसके साथ ही जनेश्वर मिश्रा, मोहन सिंह, आजम खां समेत कई अन्य संस्थापक सदस्य के रूप में शामिल रहें। मगर संभल सांसद डा. बर्क राजनीतिक दलों से ऊपर थे।
उन्हें किसी भी राजनीतिक पार्टी की सीमा से नहीं बांधा जा सकता था और इस कारण उन्होंने मौका मिलने पर सपा और बसपा से अलग अलग चुनाव भी लड़ा। इनका एजेंडा मुख्य रूप से मुस्लिम राजनीति के उपर है। यह वहीं सांसद हैं जिन्होंने लोकसभा में वंदे मातरम का विरोध किया।
सबसे अधिक उम्र वाले सांसद थे
संभल लोकसभा सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क की आयु इस समय 94 वर्ष है और ऐसे में वह संसद में सबसे अधिक उम्र वाले सांसद है और इस कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी थी। सांसद डा. बर्क की अपनी एक अलग पहचान है। इतना ही नहीं उनकी आयु के बारे में टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में कार्यक्रम के दौरान हॉट सीट पर बैठे अमिताभ बच्चन ने भी प्रतिभागी से सवाल पूछा था कि सबसे अधिक आयु वाले सांसद कौन हैं।
मुरादाबाद से भी रहे थे सांसद
वैसे डा. शफीकुर्रहमान बर्क संभल से ही नहीं बल्कि मुरादाबाद लोकसभा से भी सांसद रह चुके हैं और इस कारण उनके बारे में संभल ही नहीं बल्कि मुरादाबाद में भी सभी लोग उनके नाम से उन्हें बाखूबी पहचानते हैं। वह बेबाक नेता के रूप में भी काफी प्रसिद्ध हैं और इसी का उदाहरण है कि उन्होंने संसद में चल रहे सत्र के दौरान वंदेमातरम का विरोध किया था। इस पर वह काफी समय तक मीडिया की सुर्खियों में शामिल रहे।
फिलिस्तीन का किया था समर्थन
इजराईल और फिलिस्तीन के बीच हुए युद्ध के दौरान उन्होंने फिलिस्तीन का समर्थन किया था। इतना ही नहीं सांसद डा. बर्क अपने घर पर बैठकर प्रतिदिन स्थानीय लोगों से मिलते हैं और उन्हें यदि कोई समस्या या शिकायत होती है तो वह उसका निस्तारण कराने का भी प्रयास करते हैं, जिसके लिए वह किसी भी अधिकारी से फोन पर बात करने से भी नहीं चूकते हैं।
राजनीतिक सफर
- संभल सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क 1967 में संभल विधानसभा से प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे
- दो बार के विधायक महमूद हसन खां को बराबर की टक्कर दी थी, लेकिन इस दौरान जीत जनसंघ प्रत्याशी महेश कुमार को मिली थी।
- 1969 में फिर से विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में उतरे, लेकिन इस बार भी उन्हें शिकस्त और महमूद हसन खां को जीत मिली।
- 1974 के विधानसभा चुनाव में डा. बर्क की मेहनत रंग लायी और वह संभल से विधायक बने।
- इसके बाद लगातार दूसरी बार भी डा. बर्क को विजय मिली।
- वर्ष 1995 में डा. शफीकुर्रहमान बर्क ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया
- वर्ष 1996 में मुरादाबाद लोकसभा से प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा।
- जहां पहली बार में ही उन्होंने जीत हासिल की।
- यहां से लगातार दे बार जीत के बाद उन्हें दो बार हार का सामना करना पड़ा।
- वर्ष 2009 में बसपा से संभल लोकसभा से प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे।
- संभल सीट पर जीत भी हासिल की।
जबकि वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी से संभल लोकसभा सांसद हैं। वैसे तो राजनीति में सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क की अपनी अलग साफ सुथरी छवि है।